"स्कैंडिनेवियाई भाषाएँ": अवतरणों में अंतर

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स्वीडन के मध्यकालीन साहित्य में प्राचीन धारा (एल्द्रे वेस्तयोना लागेन, तेरहवीं शताब्दी) इतिहास, वर्णन (एरिक्स क्रोनिकान, 14वीं शताब्दी के आरंभ से), काव्य, वीरकाव्य और धार्मिक साहित्य का समावेश होता है। साहित्य का प्रधान लेखक है "पवित्र बिगिंत्ता" (14वीं शताब्दी) जिसका लिखा "उप्पेनबारेल्सेर" प्रमुख रूप से लैटिन भाषा में लपेटा हुआ है। गुस्ताव वासा की 1541 में लिखी बाइबिल भाषा और साहित्य दोनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। स्वीडिश साहित्य को प्राचीन नमूने पर लिखा कलापूर्ण काव्य "जी. स्तिएर्नहिएल्म" ने (हर्क्युलिस 1648) प्रदान किया। "ओ. बी. ढालिन (आर्गस 1732) और "जे. एच. मेंकेलग्रेन" (मृत्यु 1795) के साहित्य पुराने फ्रेंच साहित्य की झलक और वृत्तांत अभिव्यक्त हुआ। पक्षपातहीन कल्पनाप्रधान कवि थे "सी. एल. बेलमान" (1740-1795) जिन्होंने "फ्रेदमांस एपिस्तलार" में एक अमर विलासियों के समुदाय का चित्रण किया। नागरिक सत्य और तीक्ष्ण सामाजिक परिहासपूर्ण लेख लिखे हैं कवियत्री "ए. एम. लेनग्रेन" ने। अद्भुत साहित्य में प्रमुख हैं कवि "इ. टेंगनेर" (फ्रित्यौफ़्स सागा 1825), "इ. जी. गैयर", "पी. डी. ए. आत्तरबुम" और ई. जे. स्तोग्नेलियुस"। "सी. जे. एल. अल्मक्विस्त" के (तोर्नरोसेन्स बूक 1832-51) साहित्य में नागरिक सत्यकथा तक हुआ गमन प्रस्तुत है। ध्येयवाद और नूतन शास्त्रीय पांडित्य का वर्णन "बी. रिदबेरिय" ने (1828-1895) किया है। प्राकृतिक नियमों के सिद्धांत का प्रमुख प्रतिनिधि है "ए. स्मिंदबेरिय" 1849-1912 रदा रुमेन, हेमसोबुर्ना) जो नॉर्डिक साहित्य में सबसे बड़ा नाटककार (मेस्तर ओलोफ, एन द्रमस्पेल, तिल दमास्कस) है। 1890 के बाद कवि "वी. व. ह्वाइडेनस्ताम" (कारोलीनर्ना, नाबेल पुरस्कार 1909), "इ. ए. कार्लफेल्ट" (नोबेल पुरस्कार 1931)" और स्वीडिश साहित्य के सबसे बड़े कवियों में से एक "जी फ्रेडिग"-इन जैसे राष्ट्रीय साहित्यकारों का उदय हुआ। बाद के साहित्यिकों में विशेषकर "ह्यालमार बेरियमान" "बी. शोबेरिय" (1924 में "क्रीसर ओक क्रान्सर" लिखकर स्वीडिश कविता को पुनर्जन्म प्रदान करनेवाले) "पेर लागरक्विस्न" (नोबेल पुरस्कार 1951), "एच मार्टिनसोन" (अनियारा 1956), "ह्यालमार गुलबेरिय" इत्यादि का समावेश किया जाता है। स्वीडिश भाषा में लिखनेवाले फिनलैंड के साहित्यिकों में प्रधान हैं "जे. एल. रुनेबेरिय" (फेनरिक स्लोल्स सेमर 1848-60)। बाद के समय के कवि "ई. डिकनोनियस" "जी. ल्योर्लिग" और "इडिथ सदरग्रान" इत्यादि हैं।
 
== इन्हें भी देखें==
*[[स्कैंडिनेविया]]