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[[चित्र:Su Han Ch'en 001.jpg|thumb|right|200px|सांग राजवंश के चीनी कलाकार सू हैनचेन, सी. द्वारा खेलने वाले बच्चे ई.पू. 1150.]]
यह तर्क दिया जाता है कि बचपन एक प्राकृतिक घटना न होकर समाज की रचना है. एक महत्वपूर्ण मध्यवादी तथा इतिहासकार फिलिप एरीस ने अपनी पुस्तक ''सेंचुरीज़ ऑफ़ चाइल्डहुड'' में इस बात को उठाया है. इस विषय को कनिंघम द्वारा अपनी पुस्तक ''इनवेन्शन ऑफ़ चाइल्डहुड'' (2006) में आगे बढ़ाया गया, जो मध्यकाल से बचपन के ऐतिहासिक पहलुओं पर नज़र डालता है, जिसे वे विश्व युद्ध के बाद के 1950, 1960 तथा 1970 दशक की अवधि के रूप में संदर्भित करते
एरीस ने पेंटिग, समाधि-पत्थर, फ़र्नीचर तथा स्कूल-अभिलेखों के अध्ययन को 1961 में प्रकाशित किया था. उन्होने पाया कि 17वीं शताब्दी से पहले बच्चों का प्रतिनिधित्व अल्प-वयस्कों की तरह किया जाता था. तब से इतिहासकारों द्वारा गुज़रे ज़माने के बचपन पर काफी शोध किया गया है. एरीस के पहले जार्ज बोआस ने ''दी कल्ट आफ़ चाइल्डहुड'' प्रकाशित किया था.
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विक्टोरिया काल को बचपन की आधुनिक संस्था के स्रोत के रूप में वर्णित किया गया है. विडंबना यह है कि इस काल की [[औद्योगिक क्रांति]] ने बाल श्रम को बढ़ा दिया था, लेकिन ईसाई सुसमाचार लेखक तथा लेखक [[चार्ल्स डिकेंस|चार्ल्स डिकेन्स]] तथा अन्य के अभियानों के कारण, बाल मजदूरी उत्तरोत्तर कम होती गई और 1802-1878 के कारख़ाना अधिनियम द्वारा समाप्त हो गई. विक्टोरिया कालीन लोगों ने एकजुट होकर परिवार की भूमिका तथा बच्चे की पवित्रता पर ज़ोर दिया और मोटे तौर पर, तभी से पश्चिमी समाजों में यह रवैया बरक़रार रहा. {{Or|date=August 2009}}
समकालीन युग में, जो एल.किन्चेलो और शर्ली आर. स्टीनबर्ग ने बचपन और बचपन की शिक्षा पर एक आलोचनात्मक सिद्धांत का निर्माण किया, जिसे उन्होंने किंडरकल्चर का नाम दिया. किन्चेलो और स्टीनबर्ग ने बचपन के अध्ययन के लिए कई अनुसंधान और सैद्धांतिक विमर्शों (ब्रिकोलेज) का उपयोग विभिन्न दृष्टिकोणों - इतिहास लेखन, नृवंशविज्ञान, संज्ञानात्मक अनुसंधान, मीडिया अध्ययन, सांस्कृतिक अध्ययन, राजनीतिक आर्थिक विश्लेषण, हेर्मेनेयुटिक्स, सांकेतिकता, सामग्री विश्लेषण आदि के आधार पर
किंडरकल्चर से पहले मनोविज्ञान, शिक्षा और कुछ कम मात्रा में समाजशास्त्र और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्रों के कुछ पर्यवेक्षकों द्वारा अध्ययन किया गया था कि ज्ञान विस्फोट ने, जो हमारे समकालीन युग (हाइपररियालिटी) की विशेषता है, बचपन की परंपरागत धारणाओं को कमज़ोर किया है और बचपन की शिक्षा के क्षेत्र को परिवर्तित किया है. जिन्होंने समकालीन सूचना प्रौद्योगिकी को आकार दिया है, निर्देशित और नियोजित किया है, उन्होंने बचपन के पुनःनिरूपण में एक अतिरंजित भूमिका निभाई है. किन्चेलो और स्टीनबर्ग का मानना है कि बेशक, सूचना प्रौद्योगिकी ने अकेले ही बचपन के एक नए युग का सूत्रपात नहीं किया है. ज़ाहिर है, कई सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक कारकों ने इस तरह के परिवर्तनों को संचालित किया है. किंडरकल्चर का मुख्य प्रयोजन, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से बचपन की बदलती ऐतिहासिक स्थिति को स्थापित करना तथा विविध मीडिया द्वारा स्थापना में सहायक उन तरीकों को विशेष रूप से जांचना है जिसे किन्चेलो तथा स्टीनबर्ग "नया बचपन" कहते
== बचपन की भौगोलिकताएं ==
बचपन के भूगोल में सम्मिलित हैं कि किस प्रकार (वयस्क) समाज बचपन के विचार को ग्रहण करता है और अनेक रूपों में वयस्कों का आचरण बच्चों के जीवन को प्रभावित करता है. इसमें बच्चों के आस-पास के परिवेश संबंधी दृष्टिकोण और तत्संबंधी निहितार्थ शामिल
=== बचपन की आधुनिक अवधारणाएं ===
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=== प्रकृति अभाव विकार ===
{{Main| Nature deficit disorder}}
प्रकृति अभाव विकार (नेचर डेफ़िसिट डिसार्डर), रिचर्ड लउ द्वारा अपनी 2005 की पुस्तक ''लास्ट चाइल्ड इन द वुड्स'' में गढ़ा गया शब्द है, जो संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में<ref>[http://www.csmonitor.com/2006/0629/p13s02-lifp.html फ़ॉर मोर चिल्ड्रन, लेस टाइम फ़ॉर आउटडोर प्ले: बिज़ी शेड्यूल्स, लेस ओपन स्पेस, मोर सेफ़्टी फ़ियर्स, एंड ल्यूर ऑफ़ द वेब कीप किड्स इनसाइड] मर्लिन गार्डनर द्वारा, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर, 29 जून, 2006.</ref> बच्चों द्वारा घर से बाहर कम समय व्यतीत करने की कथित प्रवृत्ति को निर्दिष्ट करता है<ref>[http://www.umich.edu/~urecord/0405/Dec06_04/20.shtml यू.एस. चिल्ड्रन एंड टीन्स स्पेंड मोर टाइम ऑन एकडेमिक्स] डायने स्वैनब्रो द्वारा, द यूनिवर्सिटी रिकॉर्ड ऑनलाइन, द यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन.</ref> जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न व्यवहारपरक समस्याएं उत्पन्न होती
== स्वस्थ बचपन ==
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== बचपन का खेल ==
{{See|Play (activity)|Playground|Imaginary friend|Childhood secret club}}
बच्चे के ज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक सुदृढ़ता के लिए खेल अनिवार्य है.<ref name="AAP">{{cite web |title=The Importance of Play in Promoting Healthy Child Development and Maintaining Strong Parent-Child Bonds |url=http://www.wcss.wa.edu.au/pdf/importanceoftheplay_AAP.pdf |author=Kenneth R. Ginsburg, MD, MSEd |publisher=American Academy of Pediatrics|archiveurl=http://web.archive.org/web/20071009180324/http://www.wcss.wa.edu.au/pdf/importanceoftheplay_AAP.pdf|archivedate=2007-10-09}}</ref> यह बच्चों को शारीरिक (दौड़ना, कूदना, चढ़ना आदि), बौद्धिक (सामाजिक कौशल, समुदाय नियम, नैतिकता और सामान्यं ज्ञान) और भावनात्मबक विकास (सहानुभूति, करूणा और दोस्ती) के अवसर प्रदान करता है. असंयोजित खेल रचनात्मकता और परिकल्पना को प्रोत्साहित करते
खेल के माध्यम से बच्चे बहुत ही कम उम्र में अपने आस-पास की दुनिया के संपर्क में आते हैं और परस्पर क्रिया करते
खेल को बच्चों के श्रेष्ठ विकास के लिए इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि इसे मानवाधिकार [[संयुक्त राष्ट्र]] उच्च आयोग में प्रत्येक बच्चे के अधिकार के रूप में मान्यता प्रदान की गई है.<ref>{{cite web |publisher=Office of the United Nations High Commissioner for Human Rights. |title=Convention on the Rights of the Child. General Assembly Resolution 44/25 of 20 November 1989. |url=http://www.unhchr.ch/html/menu3/b/k2crc.htm |accessed=2006-06-22}}</ref> बच्चे, जिनका पालन-पोषण त्वरित और दबावपूर्ण शैली में होता है, वे बच्चों द्वारा संचालित खेल से हासिल होने वाले लाभों से वंचित हो सकते
=== गली की संस्कृति ===
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बच्चों की गलियों की [[संस्कृति]] को युवा बच्चों द्वारा रचित सामूहिक संस्कृति के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है और कभी-कभार इसे उनके ''गोपनीय संसार'' के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है. यह सात और बारह वर्ष के बीच की उम्र वाले बच्चों के बीच बहुत आम है. यह शहरी औद्योगिक जिलों के कामकाजी वर्ग में दृढ़तम है जहां बच्चों को परंपरागत रूप से बिना निगरानी के लंबे समय तक बाहर खेलने की छूट है. वयस्कों के न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ इसका आविष्कार और काफी हद तक संचालन खुद बच्चों द्वारा किया गया है.
युवा बच्चों की गली संस्कृंति प्राय: शांत पिछली गलियों और फुटपाथों तथा स्थानीय उद्यानों, खेल के मैदानों, झाडि़यों और बंजरभूमि तथा स्थानीय दुकानों तक जाने वाले मार्गों पर विकसित होती है. यह अक्सर शहरी क्षेत्रों के विभिन्न भागों (स्थानीय भवनों, किनारों, गली की चीज़ों आदि) को कल्पनाशील प्रतिष्ठा प्रदान करती है. बच्चे निश्चित क्षेत्र निर्धारित करते हैं जो अनौपचारिक मिलन और आराम करने के स्थलों का उद्देश्य पूर्ण करते हैं (देखें: सोबेल,2001). एक शहरी क्षेत्र जो किसी वयस्क के लिए पहचान विहीन और उपेक्षित दिखाई देता है बच्चों के संदर्भ में गहन 'आत्मीय स्थल' हो सकता है. वीडियो गेम और [[दूरदर्शन|टेलीविज़न]] जैसे आंतरिक मनबहलाव साधनों के आविष्कार के बाद, बच्चों की गली संस्कृति की जीवन-शक्ति - या अस्तित्व - के बारे में चिंताएं व्यक्त की जा रही
== सामाजिक विज्ञान में शोध ==
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