"वेब ब्राउज़र": अवतरणों में अंतर

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'''वेब ब्राउज़र''' एक प्रकार का [[सॉफ्टवेयर]] होता है, जो की [[विश्वव्यापी वेब]] या स्थानीय [[सर्वर]] पर उपलब्ध लेख, छवियों, चल-छित्रों, संगीत, और अन्य जानकारियों इत्यादि को देखने तथा अन्य [[इन्टरनेट]] सुविधाओं के प्रयोग करने मैं प्रयुक्त होता है।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-79455.html वेब ब्राउज़र]।[[हिन्दुस्तान लाइव]]।{{हिन्दी चिह्न}}।[[४ नवंबर]], [[२००९]]</ref> [[वेब पृष्ठ]] [[एच.टी.एम.एल.]] नामक कंप्यूटर भाषा मैं लिखे जाते है, तथा वेब ब्राउजर उन [[एच.टी.एम.एल.]] पृष्ठों को उपभोक्ता के कंप्यूटर पर दर्शाता है। व्यक्तिगत कंप्यूटरों पर प्रयोग होने वाले कुछ मुख्य वेब ब्राउजर हैं [[इन्टरनेट एक्स्प्लोरर]], [[मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स]],[[सफारी]], [[ऑपेरा]], [[फ्लॉक]] और [[गूगल क्रोम]], इत्यादि।
 
प्रत्येक कंप्यूटर एक [[प्रचालन तंत्र]] का समर्थन करता है, किसी के सिस्टम में [[विंडोज]], तो किसी में [[लाइनक्स]] या [[यूनिक्स]] होता है। प्रत्येक व्यक्ति और कंपनी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्रचालन तंत्र स्थापित करते हैं। प्रत्येक प्रचालन तंत्र की प्रोग्रामिंग अलग होती है और प्रकार्य भी अलग होते हैं। इंटरनेट के आरंभिक काल में प्रचालन तंत्र का अलग-अलग होना एक बड़ी समस्या थी। अलग प्रचालन तंत्र होने के कारण एक प्रचालन तंत्र को दूसरे से संचार के लिए समस्याएं आने लगीं। इस दौर में ऐसी भाषा की अत्यावश्यकता महसूस की जाने लगी, जो सभी प्रचालन तंत्रों के लिए समान हो। ऐसे में सूचना के आदान-प्रदान के लिए सर्वमान्य [[प्रोग्रामन भाषा]] [[एचटीएमएल]] (हाइपर टेक्सट मार्क अप लैंग्वेज) आई। इसकी [[प्रोग्रामिंग]] और प्रकार्य ऐसा बनाया गया, जो वेब ब्राउजर को समझ में आए।<ref name="हिन्दुस्तान"/> प्रत्येक वेबब्राउजर एचटीएमएल प्रोग्रामन भाषा को समझता है। आरंभ के दिनों के कई ब्राउजर सिर्फ एचटीएमल का समर्थन सपोर्ट करते थे, लेकिन वर्तमान में ब्राउजर एचटीएमएल जैसी दूसरी प्रोग्रामन भाषाओं जैसे कि एक्सएचटीएमएल, आदि को भी को सपोर्ट करने लगे।
 
सन [[१९९१]] में [[टिम बर्नर ली]] ने कई तकनीकों के संयुक्त प्रयोग से मिलाकर वेब ब्राउजर की नींव रखी थी।<ref name="हिन्दुस्तान"/> इस वेब ब्राउजर का नाम [[वर्ल्ड वाइड वेब]] रखा गया था, जिसे लघुनाम में ''डब्ल्यु.डब्ल्यु.डब्ल्यु'' भी कहते हैं। पृष्ठको यूआरएल (यूनीफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) के रूप में लोकेट किया जाता है, और यही यू.आर.एल वेब पते के तौर पर जाना जाता है। इस वेब पते का आरंभ अंग्रेज़ी के अक्षर-समूह ''एच टी टी पी'' से होता है। कई ब्राउजर एचटीटीपी के अलावा दूसरे यूआरएल टाइप और उनके प्रोटोकॉल जैसे गोफर, एफटीपी आदि को सपोर्ट करते हैं।
 
== आईई ८ ==
{{मुख्य| इंटरनेट एक्स्प्लोरर}}
[[चित्र:Internet explorer 8.PNG|thumbnail|[[इंटरनेट एक्स्प्लोरर]]-८ [[विंडोज़ विस्ता]] में]]
[[इंटरनेट एक्स्प्लोरर]] [[माइक्रोसोफ्ट]] का वेब ब्राउज़र है। हाल ही में इसका लॉन्च किया गया नया संस्करण आई.ई-८ है। माइक्रोसोफ्ट के अनुसार यह अब तक का सर्वोत्तम ब्राउज़र है।<ref name="तुलना">[http://www.tarakash.com/200903283389/Internet/review-of-ie8-firefox-safari-chrome.html आईई8 बनाम फायरफोक्स बनाम सफारी बनाम क्रोम : तुलना]।तरकश।२८ मार्च,२००९</ref> नया आईई पुराने संस्करणों से ४०% तेजी से खुलता है। यह पन्नों को तेजी से रेंडर करता है, और वीडियो भी तेजी से चलाता है। [[गूगल]] के अनुसार भी यह ब्राउजर [[फायरफोक्स]] और क्रोम दोनों से तेज है। इसमें दो ऐसी सुविधाएँ जोडी गई हैं जिससे प्रयोक्ताओं को काफी सुरक्षा मिलती है। एक है क्रोस साइट फिशिंग, यानी कि आईई8 वेबपन्नों पर रखी गई हानिकारक स्क्रिप्ट की पहचान कर लेता है और ऐसे पन्नों को खोलता नही है, जिससे प्रयोक्ताओं के कंप्यूटर में ऐसी स्क्रिप्ट स्थापित नही हो पाती। दूसरी सुविधा है क्लिक-हाइजेकिंग, कई बार प्रयोक्ताओं को कोई बटन दिखाया जाता है जिसे दबाने पर नया पन्ना खुलेगा ऐसा बताया जाता है, परंतु वह वास्तव में हाइजैकिंग स्क्रिप्ट होती है जिससे कोई हानिकारक सक्रिप्ट कंप्यूटर में स्थापित हो जाती है। आईई8 ऐसी किसी भी स्क्रिप्ट को रोक देता है।
 
आईई8 के टैब पेनल में भी बदलाव किये गए हैं। अब एक ही प्रकार की साइटें पास पास खुलती है और एक ही समूह की साइटों की टेब का रंग भी एक जैसा होता है जिससे प्रयोक्ताओं को टेब पन्नों को पहचानने में आसानी रहती है। इसके अलावा आईई 8 में एक विशेष सुविधा है एक्सीलरेटर। किसी भी वेबपेज के किसी भी शब्द को चुनने करने पर एक नीले रंग का बटन मिलता है जिसमें कई लिंक होते हैं जैसे कि गूगल मेप में ढूंढे, विकी पर देखें आदि। इससे प्रयोक्ता का समय बचता है।