"अध्यात्म रामायण": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: लेख में लगी स्रोतहीन चिप्पी को दिनांकित किया।
छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये।
पंक्ति 1:
== इन्हें भी देखें=={{स्रोतहीन|date=सितंबर 2014}}
 
सर्वप्रथम श्री [[राम]] की कथा भगवान श्री [[शंकर]] ने माता [[पार्वती]] जी को सुनाया था। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म [[कागभुशुण्डि]] के रूप में हुआ| [[काकभुशुण्डि]] को पूर्वजन्म में भगवान [[शंकर]] के मुख से सुनी वह [[राम]] कथा पूरी की पूरी याद थी। उन्होने यह कथा अपने शिष्यों सुनाया। इस प्रकार [[राम]] कथा का प्रचार प्रसार हुआ.हुआ। भगवान श्री [[शंकर]] के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा '''अध्यात्म रामायण''' के नाम से विख्यात है। '''अध्यात्म रामायण''' को ही विश्व का प्रथम [[रामायण]] माना जाता है।
 
{{साँचा:श्री राम चरित मानस}}