"शैलेश मटियानी": अवतरणों में अंतर

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== रचना कर्म ==
१९५० से ही उन्होंने कविताएं और कहानियां लिखनी शुरू कर दी थी। शुरु में वे रमेश मटियानी 'शैलेश' नाम से लिखते थे। उनकी आरंभिक कहानियां 'रंगमहल' और 'अमर कहानी' पत्रिका में प्रकाशित हुई। उन्होंने 'अमर कहानी' के लिए 'शक्ति ही जीवन है' ([[१९५१]]) और 'दोराहा' ([[१९५१]]) नामक लघु उपन्यास भी लिखा।
उनका पहला कहानी संग्रह 'मेरी तैंतीस कहानियां'[[१९६१]] में प्रकाशित हुआ। उनकी कहानियों में '[[डब्बू मलंग]]', '[[रहमतुल्ला]]', 'पोस्टमैन', 'प्यास और पत्थर', '[[दो दुखों का एक सुख]]' (1966), '[[चील]]', '[[अर्द्धांगिनी]]', ' जुलूस', 'महाभोज', 'भविष्य', और 'मिट्टी' आदि विशेष उल्लेखनीय है। कहानी के साथ ही उन्होंने कई प्रसिद्ध उपन्यास भी लिखा। उनके कई निबंध संग्रह एवं संस्मरण भी प्रकाशित हुए। उन्होंने 'विकल्प' और 'जनपक्ष' नामक दो पत्रिकाएँ निकाली। उनके पत्र 'लेखक और संवेदना'([[१९८३]]) में संकलित हैं।
 
=== कहानी संग्रह ===