"उडुपी राजगोपालाचार्य अनंतमूर्ति": अवतरणों में अंतर

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उनका विवाह १९५६ ई. में ईस्तर अनन्तमूर्ति के साथ हुआ जिनसे उनकी मुलाकात १९५४ ई. में हुई थी। उनकी दो संताने हैं पुत्री अनुराधा और पुत्र शरत।
वे 1980 के दशक में महात्मा गांधी विश्वविद्यालय तिरुवनंतपुरम (केरल) के कुलपति रहे। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय गुलबर्गा के कुलपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दी।
२२ अगस्त २०१४ को ८१ वर्ष की अवस्था में उनका लंबी बीमारी के बाद बंगलौर में निधन हो गया.गया।
 
== साहित्यिक कृतियाँ ==