"एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम": अवतरणों में अंतर
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उदाहरण के लिए अनियमित परीक्षण के अनुसार पुरुष जिनको सेने में दर्द होता है परन्तु ECG या तो सामान्य होता है या कोई निदान नहीं हो पता, ऐसे पुरुषो को तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम होने की संभावना जादा होती है महिलाओ के बनिस्पत. इस अध्ययन में संवेदनशीलता 65.2% और विशिष्टता 44% थी।<ref name="pmid19934131">{{cite journal| author=|title=Clinical diagnosis of acute coronary syndrome in patients with chest pain and a normal or non-diagnostic electrocardiogram.|pmid=19934131|year=2009|journal=Emergency medicine journal : EMJ |doi=10.1136/emj.2008.064428| last1=Goodacre| first1=S| last2=Pett| first2=P| last3=Arnold| first3=J| last4=Chawla| first4=A| last5=Hollingsworth| first5=J| last6=Roe| first6=D| last7=Crowder| first7=S| last8=Mann| first8=C| last9=Pitcher| first9=D| volume=26| issue=12| pages=866–70}}</ref> इस विशेष अध्ययन में ८.४% को तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम का निदान हुआ, जिसका मतलब है एक पुरुष जिसको सेने में दर्द की परेशानी है उसे कोरोनरी सिंड्रोम होने की संभावना ९.६% है जबकि ना होने की संभावना[http://medinformatics.uthscsa.edu/calculator/calc.shtml?calc_dx_SnSp.shtml?prevalence=8.4&sensitivity=65.2&specificity=44 ]
इस अध्ययन के एक दूसरे पलटन में पाया गया की व्यायाम एलेक्त्रोकर्दिओग्रफ्य कोरोनरी सिंड्रोम के निदान में सफल साबित नहीं
== रोकथाम ==
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{{main|माइक्रोकार्डियाल इनफ्राकशान}}
यदि इसिजि (एसटि उत्थान, नयाबंडल-ब्रांच ब्लॉक या पृष्ठ एमाआइ प्रतिरूप ),थ्रोम्बोलाइटिक्स जांचा जा सकता है या फिर प्राथमिक कोरोनरी एंजियोप्लास्टी निष्पादित किया जा सकता
जब अक्लिऊशान पाए जाते हैं, वे आमतौर पर तैनाती स्टेंट और हस्तक्षेप किया जा सकता है पर यंत्रवत् के साथ एंजियोप्लास्टी घाव को ''कलप्रिट लेशन'' कहा जाता है, इससे हृदय को नुकसान होता है। इलाज का सुझाव देते हैं कि तेजी से ट्राइएज, स्थानांतरण और उपचार आवश्यक है।<ref>ब्लांकेनशिप जे सि और स्केलडिं के ए. [http://www.remedicajournals.com/Acute-Coronary-Syndromes/showarticleattachment.aspx?aaid=4400&PortalID=71 रैपिड ट्राइएज, स्थानांतरण और मियोकार्डियाल उपचार अनुभाग ऊंचाई-अनुसूचित जनजाति के साथ साथ पारकुटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन मरीजों के लिए] . ''एक्यूट कोरोनरी सिनड्रोमस.'' 2008, 9 (2) :59-65</ref> अमेरिकी कॉलेज प्रशासन ऑफ़ थ्रांबोलिटिक कार्डियोलोजी (ACC) के अनुसार घर से अस्पताल ले जाने की समय सीमा 30मिनट और घर से गुब्बारित पारकुटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन(PCI) की समय सीमा 90 मिनट से जादा नहीं होनी चाहिए.यह पाया गया कि एसिसि के निर्देशों की अनुशार अधिकतर थ्रोम्बोल्य्सिस का वितरण स्टेमि से पीड़ित रोगियों के बीच है,पिसिआइ से ज़्यादा है।<ref name="pmid19898701">{{cite journal| author=|title=Thrombolysis versus primary percutaneous coronary intervention for ST elevation myocardial infarctions at Chilliwack General Hospital.|year=2009|journal=The Canadian journal of cardiology |pmid=19898701|pmc=PMC2776568|doi=| last1=Janda| first1=SP| last2=Tan| first2=N| volume=25| issue=11| pages=e382–4}}</ref>
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