"सामाजिक पूँजी": अवतरणों में अंतर
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इस व्याख्या से स्पष्ट है कि बोर्दियो साठ के दशक में प्रचलित वर्ग-विश्लेषण के नव-मार्क्सवादी दायरे में चिंतन कर रहे थे। उनकी दिलचस्पी यह दिखाने में थी कि अभिजनों के समूह किस तरह अपनी सत्ता की निरंतरता बनाये रखते हैं। इसके विपरीत जेम्स कोलमैन ने सामाजिक पूँजी की अवधारणा का इस्तेमाल करते हुए कई अफ़्रीकन-अमेरिकन हाई स्कूल छात्रों के बीच किये गये आनुभविक अध्ययनों के ज़रिये दिखाया कि परिवार और समुदाय द्वारा मिले हुए गुणों द्वारा कम आमदनी और अच्छे स्कूल में पढ़ने की सुविधा न मिल पाने जैसी कमियों की भरपाई हो जाती है। बच्चे के संज्ञानात्मक विकास में ऐसे गुण महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। कोलमैन एक ऐसे समाजशास्त्री थे जिनकी अर्थशास्त्र में काफ़ी दिलचस्पी थी। उन्होंने तर्कसंगत सामाजिक चयन सिद्धांत (रैशनल चॉयस थियरी) का आलोचना करते हुए कहा कि यह सिद्धांत व्यक्तिगत निजी-हित पर आधारित रवैये की तो व्याख्या कर लेता है, पर सहकारी व्यवहार और परोपकारी रवैये को नहीं समझ पाता। इस लिहाज़ से सामाजिक पूँजी का सिद्धांत रैशनल चॉयस थियरी की यह कमी पूरी कर देता है।
कहना न होगा कि बोर्दियो की निगाह में सामाजिक पूँजी की अवधारणा ऊँच-नीच कायम रखने में मददगार थी
== संदर्भ ==
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