"गिरिडीह": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
गिरीडीह जिला का इतिहास यह बताता है कि यह छोटानागपुर पठार के हजारीबाग जिला का एक हिस्सा है। छोटा नागपुर का संपूर्ण क्षेत्र जो झारखंड के रूप में जाना जाता है दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों घिरा से है। हालांकि यह क्षेत्र भारत के कई भागों के साथ संपर्क में था, अभी तक गैर आर्य आदिवासी जिसका कोई राजा न था यहाँ निवास करता था। नियमित विदेशी आक्रमणकारियों के कारण छोटा नागपुर के निवासियों ने एक राजा के चुनाव का फैसला लिया और मुण्डा राज्य का राजा बना. गिरिडीह जिला के इतिहास के अनुसार, गिरिडीह जिला सहित छोटानागपुर प्रमण्डल अशोषित रूप में प्रकट प्रतीत हुआ है। 1556 ई0 में दिल्ली के गद्दी का उत्तरघिकारी अकबर ने झारखण्ड के इतिहास को नया मोड़ दिया. मुगल सम्राटों के लिए यह खुखरा के रुप में जाना जाता था। उस अबधि के दौरान, इस क्षेत्र का प्रथम मुगल राजस्व प्रसासन के रुप में पेश किया गया . रामगढ़ केंदी कुंदा और खरगडीहा ( जो कि पुराने जिले हजारीबाग के साथ गिरिडीह को शामिल कर गठित किया था)एवं पूरे पलामू विजय प्रांत थे जिनको ब्रिटिश जिला के रुप मे गठन किया गया.गया। 1931 में कोल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी का बाद क्षेत्र की प्रसाशनिक संरचना बदल गयी पर गिरिडीह को गंभीरता से प्रभावित नहीं कर पाया.पाया। ये प्रान्त दक्षिण पश्चिम फ्रोंटियर का हिस्सा बन गए और एक प्रमंडल का गठन किया जो की हजारीबाग था, जिसका प्रसाशनिक मुख्यालय हजारीबाग था। 1954 में दक्षिण पश्चिम फ्रोंटियर एजेंसी छोटा नागपुर में बदल गया और यह बिहार के लेफ्टिनेंट गवर्नर के तहत एक गैर विनियमन प्रान्त केरूप में प्रसाशित किया जाने लगा.
 
== भूगोल ==
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== पर्यटक स्थल ==
गिरिडीह जिले में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं। जिले के दर्शनीय स्थलों की यात्रा दर्शनीय विकल्पों में पेश करता हैं।इस जिले का दौरा करने वाले यात्रियों को उपलब्ध विकल्पों के साथ एक साहसिक अनुभव भी होता है .है। गिरिडीह जिले के महत्वपूर्ण्यटक स्थल उसरी फॅाल, खण्डोली, मधुबन, पारसनाथ, झारखण्डी धाम और हरिहर धाम हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार गिरिडीह जिले के कुल आबादी 19,01,564 है। गिरिडीह जिले में 13 सामुदायिक विकास प्रखण्ड,गिरिडीह, गाण्डेय, बेंगाबाद, पीरटांड, डुमरी, बगोदर, सरीया, बिरनी, धनवार, जमुआ, देवरी, तिसरी और गांवा हैं।.
 
== बाहरी कड़ियाँ ==