"स्पेक्ट्रोस्कोपी": अवतरणों में अंतर

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== स्पेक्ट्रमदर्शी ==
स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए जिन उपकरणों का प्रयोग किया जाता है उन्हें '''स्पेक्ट्रमदर्शी''', '''स्पेक्ट्रममापी''', और '''स्पेक्ट्रमलेखी''' कहते हैं। प्रत्येक स्पेक्ट्रोलेखी स्पेक्ट्रोदर्शी में तीन मुख्य अवयव (Components) होते हैं। पहला भाग स्रोत से आनेवाली रश्मियों को उचित दिशा में नियंत्रित करता है, दूसरा भाग विभिन्न वर्णों को पृथक् करता अर्थात् मिश्रित रश्मियों को परिक्षेपित करता है तथा तीसरा भाग उन्हें अलग अलग एक नाभितल (focal surface) पर फोकस करता है। यदि उपकरण में केवल स्पेक्ट्रम देखने मात्र की ही व्यवस्था हो तो उसे स्पेक्ट्रोदर्शी कहते हैं, यदि उसके तीसरे भाग को घुमाकर स्पेक्ट्रम के विभिन्न वर्णों का विचलन (Deviation) पढ़ने की व्यवस्था भी हो तो उसे स्पेक्ट्रोमापी कहते हैं इससे स्पेक्ट्रम का स्थायी चित्र लिया जा सकता है। सभी स्पेक्ट्रोलेखी बनावट में लगभग समान होते हैं किंतु परिक्षेपण के लिए दो साधन काम में लाए जाते हैं - प्रिज्म और ग्रेटिंग। इसीलिए स्पेक्ट्रोलेखी भी दो प्रकार के होते हैं - प्रिज्म स्पेक्ट्रोलेखी और ग्रेटिंग स्पेक्ट्रोलेखी।
 
== स्पेक्ट्रम के विभिन्न क्षेत्र ==