"२००८ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत": अवतरणों में अंतर

छो सफ़ाई AWB के साथ
छो बॉट: अनावश्यक अल्पविराम (,) हटाया।
पंक्ति 12:
'''[[भारत]]''' ने [[चीन]] की राजधानी [[बीजिंग]] में आयोजित हुए '''[[2008 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक]]''' में भाग लिया था। भारत का प्रतिनिधित्व [[भारतीय ओलंपिक संघ]] ने किया था। 57 एथलीटों के दल ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और उनके साथ 42 अधिकारियों का समर्थन स्टाफ था। एथलेटिक्स दल 17 प्रतिभागीयो के साथ सबसे बड़ा था। 1928 से लेकर अब तक पहली बार [[भारतीय हॉकी टीम]] ओलिंपिक खेलों मे अर्हता प्राप्त करने में विफल रही थी।<ref>{{cite news | url=http://ibnlive.in.com/news/india-names-57member-squad-for-beijing-olympics/69524-5.html | title=India names 57-member squad for Beijing Olympics | agency=प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया | date=12 अगस्त 2008 | accessdate=20 अगस्त 2011 | language=अंग्रेजी | publisher=ibnlive.in.com}}</ref>
 
[[२००६ राष्ट्रमंडल खेल|2006 राष्ट्रमंडल खेलो]] में डोपिंग कांड के पश्चात अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ के द्वारा लगाए गए 2 वर्ष के प्रतिबंध के परिणामस्वरूप केवल एक ही ओलंपिक भारोत्तोलक मोनिका देवी इन खेलो में भाग लेने में सक्षम थी परन्तु वह भी डोप परीक्षण में विफल रहीं, और उनका नाम भी प्रतिभागीयो की सूची से वापस ले लिया था। हालांकि 9 अगस्त को घोषित किया गया कि मोनिका का टेस्ट नकारात्मक था और वह भाग लेने के लिए सक्षम थी, परन्तु जिस प्रतियोगिता में मोनिका को भाग लेना था वो इस निर्णय के आने से पहले ही समाप्त हो चुकी थी।
 
11 अगस्त 2008 को [[अभिनव बिंद्रा]] ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाज़ी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। ऐसा करने वाले अभिनव पहले भारतीय थे, जिन्होने किसी भी ओलंपिक की व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण जीता हो, यह बीजिंग खेलो में भारत का प्रथम पदक भी था। इससे पिछली भारत के लिए सर्वोच्च व्यक्तिगत उपलब्धि भारत में जन्मे [[ग्रेट ब्रिटेन]] का प्रतिनिधित्व करने वाले अंग्रेज नॉर्मन प्रिचार्ड की थी जिन्होने 1900 [[पेरिस]] ओलंपिक में दो रजत पदक जीते थे। [[सुशील कुमार]] ने पुरुषो की 66&nbsp;किलोग्राम फ्रीस्टाइल [[कुश्ती]] प्रतियोगिता में कांस्य जीत कर भारत के लिए दूसरा पदक जीता, इससे पहले खाशाबा दादासाहेब जाधव ने 1952 [[हेलसिंकी]] ओलम्पिक खेलो में कुश्ती में कांस्य जीता था। [[विजेंदर कुमार]] ने सेमीफाइनल में विफलता के पश्चात मंझला-भार मुक्केबाज़ी वर्ग में कांस्य पदक जीता। यह किसी भी भारतीय द्वारा मुक्केबाज़ी में जीता गया पहला ओलंपिक पदक था।