"प्राचीन मिस्री भार एवं मापन": अवतरणों में अंतर

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'''प्राचीन रैखिक मापन इकाई''' को शाही क्यूबिट कहते थे और यह 523.5mm (20.61 इंच) लम्बाई की थी। इसे 7 हथेलियों में, जो 4 संख्या प्रति में विभक्त थी, परिणामतः 28 संख्या. यह मापन मानक कम से कम 2,700 B.C. से प्रयोग होता आ रहा था। असली क्यूबिट के कई उदाहरण अभी भी उपलब्ध हैं। इनमें से कई उत्सवीय मौकों पर प्रयोग होते हैं और मन्दिरों में अभी भी मिल जाते हैं।
 
प्राचीन मिस्री मापन मानक लगभग कई सहस्र वर्षों पूर्व दो प्रणालियों के मिलन से बने थे। प्राचीनतम मानव शरीर माप ग्लिफ़ के काल के हैं, जिसमें से क्यूबिट को कई पैलेट्स में देखा गया है.है। प्राचीनतम कृषि संबंधी ग्लिफ़ [[बिच्छू राजा]] की पैलेटों में दर्शाता है खेत, जो कि सिंचाई की नालियों से बंटे हैं।
 
एक प्रणाली दशमलवधारित थी, जो कि होरस-अक्षि द्विधारी खंड (बाइनरी फ़्रैक्शन) में लिखे थे और सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा खेतों के मापन हेतु प्रयोग होते थे।
 
दूसरी प्रणाली यथार्थ व शुद्ध थी, जिसमें '' हेकत'' को होरस अक्षि भागफ़ल में विभजित किया गया था और अगे मिस्री ख्ण्ड परिमाणीकृत रिमेंडरों में बंटा था.था। यह 1/320 वीं इकाई ''र्हो'' नाम से बनी थी। दोनों ही प्रणालियां इकाई खण्डों को ध्यान में रखकर बनीं थीं, जिसमें दाशमलव वाली असीमित श्रेणी थी और्यथार्थ वाली सीमित श्रेणी थी।
[[चित्र:Colosse-djéhoutihétep2.jpg|right|thumb|450px|प्राचीन मिस्र की मानव आधारित मापन पद्धति]]
[[चित्र:Oudjat.SVG|right|200px|thumb|होरस की अक्षि का चित्रण]]