"बॉडीगार्ड": अवतरणों में अंतर

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'''''बॉडीगार्ड''''' ({{lang-en|Bodyguard}}) 2011 में बनी हिन्दी एक्शन फ़िल्म है जिसका निर्देशन सिद्दकी द्वारा किया गया है.है। यह निर्देशक द्वारा इसी नाम की फ़िल्म का तीसरा रीमेक है जिसका निर्माण अतुल अग्निहोत्री ने किया है और [[सलमान खान]] व [[करीना कपूर]] मुख्य भूमिका में है.है। फ़िल्म में [[राज बब्बर]], [[महेश मांजरेकर]] और हजेल कीच अन्य भूमिकाओं में है.है। ''बॉडीगार्ड'' को [[ईद]] के दिन 31 अगस्त 2011 को 2,250 परदो पर 70 शहरों मे रिलिज किया गया था.था।
 
फ़िल्म ने रिलीज होने पर कई रिकॉर्ड तोड़े. रिलीज़ के पहले दिन ही यह पहले दिन की उच्चतम कमी वाली फ़िल्म बन गई. फ़िल्म ने पहले हफ्ते में INR100.10 करोड कमाकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया।
 
== कथानक ==
बलवंत सिंह सरताज राणा ([[राज बब्बर]]) का बॉडीगार्ड था.था। एक रात बलवंत और उसकी गर्भवती पत्नी एक हादसे का शिकार हो जाते है जिसमें बलवंत मारा जाता है परन्तु उसकी पत्नी को सरताज़ बचा लेता है.है। वह एक बेटे को जन्म देती है जिसका नाम वह लवली रखती है.है। लवली सिंह ([[सलमान खान]]) बड़ा होकर एक सुरक्षा एजंसी में काम करने लगता है.है। सरताज़ के हुक्म पर लवली गोरख धंधा करने वाली टोली को पकडवा देता है जिसका सिर्गानाह रंजन महात्रे ([[महेश मांजरेकर]]) अपने भाइयों के साथ काम करता था.था। अपने दुश्मनों के बदले के डर से सरताज़ लवली को अपनी बेटी दिव्या ([[करीना कपूर]]) का बॉडीगार्ड बना देता है.है।
 
लवली सिंह अपने कार्य के प्रति समर्पित है परन्तु हर जगह दिव्या के पीछे पीछे जा कर वह उसे परेशान कर देता है.है। तंग आकार दिव्या और उसकी सहेली माया (हजेल कीच) लवली को एक गुप्त नम्बर से फोन करके छाया के नाम से झूठा प्यार का नाटक शुरू करती है, इस उम्मीद में की वह उनसे दूर रहेगा. धीरे धीरे लवली छाया से प्यार करने लगता है पर इस बात से अनजान होता है की छाया ही दिव्या है.है। दूसरी ओर लवली छाया को कई बार रंजन और उसके गुंडों से बचाता है.है। परिणामस्वरूप दिव्या लवली से प्यार करने लगती है पर उसे सच्चाई बताने से घबराती है क्योंकि लवली उसके पिता के प्रति निष्ठावान है.है। आगे खुछ घटनाओं के चलते सरताज़ को यह शक होने लगता है की लवली और दिव्या एक दूसरे से प्यार करते है और दोनों शायद भाग जाएँगे. वह अपने आदमियों को लवली के पीछे भेजता है ताकि अगर लवली की प्रियसी दिव्या निकली तो उसे मर दिया जाए. दिव्या अपने पिता को समझती है की वह लवली से प्यार नहीं करती. लवली किसी और से प्यार करता है और उसे रेलवे स्टेशन पर मिलने वाला है.है। यह सोच कर की अगर लवली को स्टेशन पर कोई नहीं मिला तो उसका डील टूट जाएगा इसीलिए दिव्या अपनी सहेली माया को वहां भेज देती है ताकि वह उसे छाया की असलियत बता सके. लवली आख़िरकार स्टेशन पर माया को देख कर, इससे पहले की वह उसे सच्चाई बता सके, उसे गले लगा लेता है.है। माया भी उसके गले लगकर मन लेती है की वह ही छाया है.है। दिव्या बार बार माया को फोन करती है पर वह अपना फोन फेंक देती है और दिव्या को हमेशा के लिए उन दोनों की ज़िंदगी से मिटा देती है.है। लवली और माया दोनों शादी कर लेते है पर माया बच्चे को जन्म देते वक्त मर जाती है.है। वह अपने बेटे के लिए अपनी डायरी में अपने धोके को कबुल करती है और उसे लवली और दिव्या को वापस मिलाने के लिए कहती है.है।
 
कई साल बात सरताज़ लवली और उसके बेटे को अपने घर बुलाता है और उससे अपने बर्ताव के लिए माफ़ी मांगता है.है। लवली को लगता है की दिव्या की शादी हो चुकी है और वह लन्दन में है पर उसे घर पर देख उसे धक्का लगता है और पता चलता है की दिव्या ने कभी शादी नहीं की. उसका बेटा दिव्या के करीब आ जाता है और अपनी माँ की तरफ से माफ़ी मांगता है.है। वापस लौटने के आखरी दिन वह दिव्या से उसकी माँ बनके चलने को कहता है.है। लवली इस बात से गुस्सा होकर उसे माफ़ी मांगने को कहता है पर वह मना करदेता है.है। सरताज़ लवली को बताता है की उसकी भी यही इच्छा है और तब लवली मान जाता है.है। रेलवे स्टेशन पर उसका बेटा डायरी को फेंक देता है पर लवली वापस डायरी उठा कर उसे पढ़ लेता है.है। पढ़ने पर उसे पता चलता है की दिव्या असल में उसकी छाया थी। वह दिव्या को फोन करके उसे छाया बुलाता है.है। वह दौड कर उसे गले लगा लेती है और दोनों को उसका बेटा खुशी से देखता रहता है.है।
 
== पात्र ==