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[[चित्र:Satguru Brahm Sagar Ji Maharaj Bhuriwale.jpg|frame|सतगुरु ब्रह्म् सागर जी महाराज(भुरीवाले)]]
'''सतगुरु ब्रह्म् सागर जी महाराज''' (भुरीवाले) का जन्म गांव: रामपुर तहसील: श्री [[आन्द्पुर साहिब]], जिला: रुपनगर ([[पंजाब]]) मे हुआ था.था।
आप बड़े ही तेजस्वी संत थे |आप भुरीवाले (गरिबदासी) साम्प्रदा के संस्थापक भी थे | आप जी का उप नाम भुरीवाले के नाम से प्रसिद्ध हुआ| आप अक्सर एक काली कम्बली ओड़ा रखते थे जिसे पंजाबी भाषा में भूरी कहते है |आपने ने अपने जीवन काल में कई चमत्कार किये तथा आचार्य गरीब दास जी की अमृत वाणी का प्रचार पंजाब, हिमाचल तथा हरियाणा में किया | आप अपने जीवन में सतगुरु गरीब दास जी के जन्म स्थान छुडानी धाम जिला :झज्जर (हरियाणा) को बड़ा ही उच्च स्थान देते थे | आप ने पंजाब के पछडे इलाके में गरीब दास जी की बानी से लोगो को अच्छे संस्कार दिए जिस से वेह एक अच्छे इंसान बन सके |