"इज़राइल": अवतरणों में अंतर
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== स्वतंत्रता और शुरुआती समय ==
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने स्वयं को एक विकत परिस्तिथि में पाया जहाँ उनका विवाद यहूदी समुदाय के साथ दो तरह की मानसिकता में बाँट चूका था ! जहाँ एक तरफ हगना, इरगुन और लोही नाम के संगठन ब्रिटिश के खिलाफ हिंसात्मक विद्रोह कर रहे थे वहीँ हजारो यहूदी शरणार्थी इजराइल में शरण मांग रहे थे ! तभी सन १९४७ में ब्रिटिश साम्राज्य ने ऐसा उपाय निकलने की घोषणा की जिस से अरब और यहूदी दोनों संप्रदाय के लोग सहमत हो ! संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा फिलिस्तीन के विभाजन को (संयुक्त राष्ट्र संघ के १८१ घोषणा पत्र
इस व्यवस्था को यहूदियों द्वारा तुरंत मान्यता दे दी गयी वहीँ अरब समुदाय ने नवेम्बर १ १९४७ तीन देनो के बंद की घोषणा की ! इसी के साथ गृह युद्ध की स्तिथि बन गए और करीब २५०,००० फिलिस्तीनी लोगो ने राज्य छोड़ दिया !
१४ मई १९४८ को यहूदी समुदाय ने ब्रिटिश से पहले स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और इजराइल को राष्ट्र घोषित कर दिया, तभी सिरिया, लीबिया तथा इराक ने इजराइल पर हमला कर दिया और तभी से १९४८ के अरब - इजराइल युद्ध की शुरुआत हुयी ! सउदी अरब ने भी तब अपनी सेना भेजकर और मिस्त्र की सहायता से आक्रमण किया और यमन भी युद्ध में शामिल हुआ, लगभग एक वर्ष के बाद युद्ध विराम की घोषणा हुयी और जोर्डन तथा इस्राइल के बीच सीमा रेखा अवतरित हुयी जैसे green line (
इजराइल ने ११ मई, १९४९ में सयुक्त राष्ट्र की मान्यता हासिल की !
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== विवाद एवं शांति समझोते ==
[[चित्र:Soldiers Western Wall 1967.jpg|right|thumb|300px|सन् १९६७ में छः-दिवसीय युद्ध के बाद येरुशलम के पश्चिमी दीवार को जीतने के पश्चात वहाँ तैनात सैनिक]]
अरब समुदाय तथा मिस्त्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नसीर ने इजराइल को मान्यता नहीं दी और १९६६ में इजराइल - अरब युद्ध हुआ ! १९६७ में मिस्त्र ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी दल को सनाई पनिसुलेना (१९५७) को बहार निकल दिया और लाल सागर में इजराइल की आवागमन बंद कर दी ! जून ५,१९६७ को इजराइल ने मिस्त्र, जोर्डन सीरिया तथा इराक के खिलाफ युद्ध घोषित किया और महज ६ दिनों में अपने अरब दुश्मनों को पराजित कर क्षेत्र में अपनी सैनिक प्रभुसत्ता कायम की ! इस युद्ध के दौरान इजराइल को अपने हे राज्य में उपस्तिथ फलिस्तीनी लोगो का विरोध झेलना पड़ा इसमें प्रमुख था फिलिस्तीन लिबरेशन ओर्गानिज़शन (पी .एल .ओ
ओक्टुबर ६, १९७३ को सिरिया तथा मिस्त्र द्वारा इजराइल पर अचानक हमला किया गया जब इजराइली योम नमक त्यौहार मन रहे थे, जिसके जवाब में सिरिया तथा मिस्त्र को बहुत भरी नुक्सान उठाना पड़ा !
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