"मीनू मसानी": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: अंगराग परिवर्तन
छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये।
पंक्ति 6:
29 नवंबर, 1905 को बंबई (अब मुंबई) में जन्मे मीनू मसानी ने एल्फिन्स्टन कॉलेज से अपनी स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद मीनू मसानी ने [[लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स]] से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और लिंकन इन्न से कानून की पढ़ाई पूरी की। इंग्लैंड में मीनू मसानी भारतीय विद्यार्थियों के एक समूह 'इंडियन मजलिस' के अध्यक्ष चुने गये और ब्रिटिश [[लेबर पार्टी|लेबर दल]] के सदस्य भी रहे।
 
वर्ष 1929 में भारत वापस आने के बाद बंबई उच्च न्यायालय में वकालत की शुरुआत की, लेकिन कुछ ही दिनों में अपनी वकालत छोड़ कर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये.गये। वर्ष 1932 में [[सविनय अवज्ञा आंदोलन]] में भाग लेने के कारण उन्हें एक साल के लिए कारावास का दंड दिया गया। मीनू मसानी ने [[जयप्रकाश नारायण]], [[अच्युत पटवर्धन]], [[युसूफ मेहर अली]] एवं अन्य नेताओं के साथ मिलकर [[कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी]] की स्थापना की, लेकिन पार्टी में कम्युनिस्ट सदस्यों के बढ़ते प्रभाव के चलते वर्ष 1939 में [[राम मनोहर लोहिया|लोहिया]], मीनू मसानी, अच्युत पटवर्धन ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी से त्यागपत्र दे दिया और मसानी ने राजनीति छोड़कर टाटा कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। 1942 में [[भारत छोड़ो आंदोलन]] की शुरु आत होने पर मीनू मसानी वापस सक्रिय राजनीति में लौट आये और आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने पर वर्ष 1943 में मीनू मसानी बंबई के महापौर बनाने वाले सबसे युवा व्यक्ति बने। मीनू मसानी बाद में भारत के संविधान सभा के लिए चुने गये और भारत के नये संविधान निर्माण में नागरिकों के मूल अधिकारों से संबंधित समिति के सदस्य बने। संविधान सभा में मीनू मसानी ने भारत में [[समान नागरिक संहिता]] लागू किये जाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे नामंजूर कर दिया गया।
 
स्वाधीन भारत में दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में पहले राजदूत के रूप में मीनू मसानी [[ब्राजील]] के [[राजदूत]] बनाये गये। वर्ष 1957 के लोकसभा के आम चुनावों में मीनू मसानी, [[रांची]] से निर्दलीय संसद सदस्य निर्वाचित हुए थे और वर्ष 1959 में उन्होंने सी [[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]] के साथ मिलकर '''[[स्वतंत्र पार्टी]]''' का गठन किया। वर्ष 1967 के आम चुनावों में स्वतंत्र पार्टी संसद में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी थी और लोकसभा में इनके 44 सदस्य थे, लेकिन वर्ष 1971 के आम चुनावों में स्वतंत्र पार्टी के खराब प्रदर्शन और लोकसभा का चुनाव हारने के बाद मीनू मसानी सक्रिय राजनीति से हट गये। एक राजनीतिज्ञ के रूप में मीनू मसानी साम्यवादी व्यवस्था के पूर्णत: खिलाफ थे और भारत की आर्थिक और विदेशी नीतियों में [[सोवियत संघ|सोवियत रूस]] के प्रति झुकाव के घोर विरोधी भी थे। कांग्रेस के स्थान पर कोई दूसरा विकल्प तलाशने में मीनू मसानी जैसे समाजवादी विचारकों को एक समय स्वतंत्र पार्टी में प्रिवी पर्स की समाप्ति का विरोध, [[बैंकों का राष्ट्रीयकरण|बैंक राष्ट्रीयकरण]] का विरोध जैसे गैर समाजवादी निर्णयों को शिरोधार्य करना पड़ा।
पंक्ति 61:
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://azadi.me/profile-minoo-masani मीनू मसानी - एक उदारवादी चिन्तक]
* [http://www.panchjanya.com/arch/2000/4/2/File5.htm 41 वर्ष पूर्व संविधान सभा के सदस्य श्री मीनू मसानी ने पूछा था.था।..]
* [http://www.kamat.com/database/biographies/m_r_masani.htm Biography]
* [http://www.liberalsindia.com/indianliberals/profiles/minoomassani.php Profile in the Indian Liberal Group website]