"यशवंतराव चव्हाण": अवतरणों में अंतर

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'''यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण''' (12 मार्च, 1913 - 25 नवंबर, 1984) [[बॉम्बे राज्य|मुंबई राज्य]] के विभाजन के बाद [[महाराष्ट्र]] के पहले मुख्यमंत्री और [[भारत के उप प्रधान मंत्री|भारत के पांचवें उप प्रधान मंत्री]] थे.थे। वे एक मजबूत कांग्रेस नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सहकारी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक थे.थे। उन्हें ''आम लोगों के नेता'' के रूप में जाना जाता था.था। उन्होंने अपने भाषणों और लेखों में दृढ़ता से समाजवादी लोकतंत्र की वकालत की और महाराष्ट्र में किसानों की बेहतरी के लिए सहकारी समितियों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.थी।
 
== परिचय ==
इस महान नेता का जन्म 12 मार्च, 1913 को भारत के महाराष्ट्र राज्य के सतारा जिले (जो अब सांगली जिले में है) के देवराष्ट्रे नामक गांव में एक [[मराठा]] किसान परिवार के घर हुआ था.था। बचपन में उन्होंने अपने पिता को खो दिया और उनका पालन-पोषण उनके चाचा तथा मां द्वारा किया गया.गया। उनकी मां ने उन्हें आत्म-निर्भरता और देशभक्ति के बहुमूल्य सबक सिखाए. अपने बचपन से ही वे भारत के स्वतंत्रता संघर्ष से प्रभावित थे.थे। प्रतिकूल पारिवारिक स्थिति के बावजूद यशवंतराव अपनी शिक्षा पूर्ण करने में सफल रहे और 1938 में बंबई विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में बीए की पढ़ाई पूरी की. इस अवधि के दौरान वे कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल थे और कांग्रेस पार्टी तथा [[जवाहरलाल नेहरू]], सरदार पटेल और केशवराव जेधे जैसे उनके नेताओं के साथ काफी नजदीकी से जुड़े रहे. 1940 में, यशवंतराव सतारा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बने. 1941 में उन्होंने एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की. 1942 में सतारा जिले के फल्टन में वेनूताइ से उनका विवाह हो गया.गया।
 
== पृष्ठभूमि ==
यशवंतराव चव्हाण भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक सक्रिय भागीदार रहे थे.थे। 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाये जाने वाले असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए उनपर जुर्माना लगाया गया.गया। 26 जनवरी 1932 को सतारा में भारतीय ध्वज फहराने के लिए उन्हें 18 महीने के कारावास की सजा सुनाई गयी. वे 1942 के ए.आई.सी.सी के ऐतिहासिक मुंबई अधिवेशन के प्रतिनिधियों में से एक थे जहां भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया गया और इस भागीदारी के परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.था। यशवंतराव को अंततः 1944 में जेल से रिहा कर दिया गया.गया।
 
== आरंभिक राजनीतिक करियर ==
1946 में उन्हें दक्षिण सतारा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया.गया। उसी वर्ष उन्हें बम्बई राज्य के गृह मंत्री के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया.गया। मोरारजी देसाई की अगली सरकार में उन्हें नागरिक आपूर्ति, समाज कल्याण तथा वन मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया.गया। 1953 में वे नागपुर समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक थे जिसमें [[महाराष्ट्र]] के सभी क्षेत्रों के समान विकास का आश्वासन दिया गया था.था।
 
== संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन ==
1957 में यशवंतराव चव्हाण कराड निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे.थे। इस बार वे कांग्रेस विधाई पार्टी के नेता के रूप में निर्वाचित हुए थे और द्विभाषी बम्बई राज्य के मुख्यमंत्री बने. 1957 से 1960 तक उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य के रूप में चुना गया.गया। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के लिए अपने समर्थन के माध्यम से वे महाराष्ट्र राज्य के रचयिताओं में से एक थे.थे। 1 मई 1960 को यशवंतराव चौहान महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री बने.<ref>http://www.legislativebodiesinindia.nic.in/STATISTICAL/Maharashtra.pdf</ref>
 
== महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री ==
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महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री होने के अलावा, उन्होंने भारत की केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कई बार सेवा की है और गृह, रक्षा, वित्त तथा विदेश मामलों के मंत्री रह चुके हैं और बाद में वे भारत के उप प्रधान मंत्री भी बने.
 
1962 में भारत चीन सीमा विवाद के मद्देनजर यशवंतराव चव्हाण को भारत का रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया.गया। 1962 में रक्षा मंत्री के रूप में कृष्णा मेनन के इस्तीफे के बाद, पंडित नेहरू ने यशवंतराव चौहान को महाराष्ट्र से केन्द्र सरकार में बुलाया और रक्षा मंत्री का पदभार सौंप दिया. उन्होंने युद्ध पश्चात की नाजुक स्थिति का दृढ़ता से सामना करते हुए सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण हेतु कई निर्णय लिए और पंडित नेहरु के साथ मिलकर चीन के साथ युद्ध विराम पर वार्ता की. वे सितम्बर 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी रक्षा मंत्री थे.थे।
 
अगले आम चुनाव में यशवंतराव चव्हाण नासिक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से संसद के सदस्य के रूप में निर्विरोध चुने गए. 14 नवंबर 1966 को उन्हें देश का गृह मंत्री नियुक्त किया गया.गया। 26 जून 1970 को उन्हें भारत के वित्त मंत्री और 11 अक्टूबर 1974 को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया.गया। जून 1975 में भारत में एक आंतरिक आपातकाल की घोषणा कर दी गयी और उसके बाद के आम चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो गया.गया। नई संसद में, यशवंतराव चौहान 1977 में विपक्ष के नेता बने.
 
1978-79 में, यशवंतराव चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ दी और देवराज उर्स, कासू ब्रह्मानंद रेड्डी, ए.के. एंटनी, शरद पवार आदि के साथ कांग्रेस (उर्स) में शामिल हो गए. प्रधानमंत्री चरण सिंह के मंत्री-मंडल में उन्हें भारत का गृह मंत्री तथा उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया.गया।
 
== कांग्रेस का विभाजन ==
1978 के अंत में बैंगलोर के वार्षिक सत्र में कांग्रेस दो हिस्सों में विभाजित हो गयी - कांग्रेस (इंदिरा) तथा कांग्रेस (उर्स). कांग्रेस उर्स में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण नेता थे देवराज उर्स, कासू ब्रह्मानंद रेड्डी, ए.के. एंटनी, शरद पवार और यशवंतराव चौहान. दूसरी ओर, इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आई) नामक अपनी स्वयं की पार्टी की स्थापना की जिसमें शंकर दयाल शर्मा, उमाशंकर दीक्षित, कमरुद्दीन अली अहमद, श्री सी. सुब्रमण्यम, बैरिस्टर ए.आर्. अंतुले तथा गुलाबराव पाटिल जैसे नेता शामिल थे.थे। इंदिरा गांधी से अलग होने का निर्णय लेने के बाद यशवंतराव चौहान के राजनीतिक करियर को एक बड़ा झटका लगा. कांग्रेस (उर्स) विघटित हो गयी और देवराज उर्स स्वयं [[जनता पार्टी]] में शामिल हो गए और कांग्रेस (उर्स) का नाम बदलकर भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) रख दिया गया.गया।
 
1980 के आम चुनाव में कांग्रेस (आई) ने संसद में बहुमत प्राप्त किया और इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सत्ता में वापसी की. इस चुनाव में यशवंतराव चौहान एक सांसद के रूप में महाराष्ट्र से निर्वाचित होने वाले एकमात्र ऐसे उम्मीदवार थे जो कांग्रेस (एस) के टिकट पर जीत कर आये थे.थे। 1981 में यशवंतराव चौहान कांग्रेस (आई) में वापस आये और 1982 में उन्हें भारत के आठवें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.गया।
 
25 नवंबर 1984 को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से यशवंतराव चौहान का निधन हो गया.गया। वह 71 वर्ष के थे.थे। 27 नवंबर 1984 को कराड में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.गया।
 
== साहित्य ==
यशवंतराव चव्हाण साहित्य में गहरी दिलचस्पी लेते थे.थे। उन्होंने मराठी साहित्य मंडल की स्थापना की और मराठी साहित्य सम्मेलन का समर्थन किया.किया। वह कई कवियों, संपादकों और कई मराठी तथा हिंदी लेखकों के साथ काफी करीबी रूप से जुड़े थे.थे। उन्होंने तीन खण्डों में अपनी आत्मकथा लिखने की योजना बनाई थी.थी। पहले खंड में सतारा जिले में व्यतीत उनके प्रारंभिक वर्ष शामिल हैं.हैं। चूंकि उनका जन्मस्थान कृष्णा नदी के तट पर स्थित है, उन्होंने प्रथम खंड को "कृष्णा कथ" नाम दिया. द्विभाषी बम्बई राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में, तथा उसके बाद नवगठित महाराष्ट्र राज्य में भी उनका पूरा समय मुंबई में ही व्यतीत हुआ था और इसलिए दूसरे खंड का प्रस्तावित नाम "सागर तीर" था.था। बाद में 1962 में पंडित नेहरू द्वारा उन्हें भारत का रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया.गया। उसके बाद से 1984 में अपनी मृत्यु तक वे दिल्ली में ही रहे; इसलिए अपने तीसरे खंड के लिए उन्होंने "यमुना कथ" नाम का प्रस्ताव किया.किया। लेकिन दुर्भाग्यवश उनका केवल प्रथम खंड ही पूर्ण हो पाया और प्रकाशित हुआ.हुआ।
 
== यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान (स्मारक) ==
1985 में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान (स्मारक) मुंबई में स्थापित किया गया.गया। इस स्मारक को स्थापित करने का उद्देश्य था ''समाज, लोकतान्त्रिक संस्थाओं तथा भारत के सामाजिक-राजनीतिक जीवन में विकास प्रक्रिया के प्रति उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट एवं बहुमूल्य योगदान को स्वीकार करके उनकी स्मृति को जीवित रखना; और विशेष रूप से आम आदमी के उत्थान हेतु नवीन गतिविधियों तथा परियोजनाओं को शुरु करना; और स्वतंत्रता संघर्ष से उपजे उनके अभीष्ट विचारों को बढ़ावा देना ताकि भारत के सामाजिक-आर्थिक तत्वों को मजबूत बनाया जा सके'' .
 
1989 में महाराष्ट्र में 'यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय' नामक एक मुक्त विश्वविद्यालय को स्थापित किया गया था.था।
 
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