"आत्मविश्वास": अवतरणों में अंतर

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'''आत्मविश्वास''' (Self-confidence) वस्तुतः एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है। आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यों के सम्पादन में सरलता और सफलता मिलती है। इसी के द्वारा आत्मरक्षा होती है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिन्ता नहीं रहती। उसे कोई चिन्ता नहीं सताती। दूसरे व्यक्ति जिन सन्देहों और शंकाओं से दबे रहते हैं, वह उनसे सदैव मुक्त रहता है। यह प्राणी की आंतरिक भावना है।इसके बिना जीवन मे सफल होना अनिश्चित है।
 
यदि आप कोई महान कार्य करना चाहते हैं तो सबसे पहले मन में स्वाधीनता के विचार भरिए। जिस मनुष्य का मन सन्देह, चिन्ता और भय से भरा हो, वह महान कार्य तो क्या, कोई सामान्य कार्य भी नहीं कर सकता। सन्देह और संशय आपके मन को कभी भी एकाग्र न होने देंगे। मन की एकाग्रता कार्य-सम्पादन के लिए आवश्यक शर्त है।