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{{भारत सरकार}}
'''लोक सभा''', [[भारतीय संसद]] का निचला सदन है.है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन [[राज्य सभा]] है.है। लोक सभा [[सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार]] के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है.है। [[भारतीय संविधान]] के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में [[भारत का राष्ट्रपति]] यदि चाहे तो [[आंग्ल-भारतीय]] समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोक सभा के लिए मनोनीत कर सकता है.है।
 
कुल निर्वाचित सदस्यता का वितरण राज्यों के बीच इस तरह से किया जाता है कि प्रत्येक राज्य को आवंटित सीटों की संख्या और राज्य की जनसंख्या के बीच एक व्यावहारिक अनुपात हो और यह सभी राज्यों पर लागू होता है.है। हालांकि वर्तमान परिपेक्ष्य में राज्यों की जनसंख्या के अनुसार वितरित सीटों की संख्या के अनुसार उत्तर भारत का प्रतिनिधित्व, दक्षिण भारत के मुकाबले काफी कम है.है। जहां दक्षिण के चार राज्यों, [[तमिलनाडु]], [[आंध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]] और [[केरल]] को जिनकी संयुक्त जनसंख्या देश की जनसंख्या का सिर्फ 21% है, को 129 लोक सभा की सीटें आवंटित की गयी हैं जबकि, सबसे अधिक जनसंख्या वाले हिन्दी भाषी राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] जिनकी संयुक्त जनसंख्या देश की जनसंख्या का 25.1% है के खाते में सिर्फ 120 सीटें ही आती हैं.हैं।<ref>[http://www.firstpost.com/politics/unequal-democracy-south-gets-more-seats-than-it-deserves-in-ls-10121.html Unequal democracy: South gets more seats in Lok Sabha]</ref> वर्तमान में [[लोक सभा अध्यक्ष|अध्यक्ष]] और आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो मनोनीत सदस्यों को मिलाकर, सदन की सदस्य संख्या ५४४ है।<ref>{{cite web
| title = लोक सभा के संबंध में बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न
| work = [[राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र]]
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== लोक सभा का कार्यकाल ==
यदि समय से पहले भंग ना किया जाये तो, लोक सभा का कार्यकाल अपनी पहली बैठक से लेकर अगले पाँच वर्ष तक होता है उसके बाद यह स्वत: भंग हो जाती है.है। लोक सभा के कार्यकाल के दौरान यदि ''[[आपातकाल की घोषणा]]'' की जाती है तो संसद को इसका कार्यकाल कानून के द्वारा एक समय में अधिकतम एक वर्ष तक बढ़ाने का अधिकार है, जबकि आपातकाल की घोषणा समाप्त होने की स्थिति में इसे किसी भी परिस्थिति में छ: महीने से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता.
 
== पीठासीन अधिकारी ==
{{main|लोक सभा अध्यक्ष}}
लोक सभा अपने निर्वाचित सदस्यों में से एक सदस्य को अपने पीठासीन अधिकारी के रूप में चुनती है, जिसे [[लोक सभा अध्यक्ष|अध्यक्ष]] कहा जाता है.है। कार्य संचालन में अध्यक्ष की सहायता उपाध्यक्ष द्वारा की जाती है, जिसका चुनाव भी लोक सभा के निर्वाचित सदस्य करते हैं.हैं। लोक सभा में कार्य संचालन का उत्तरदायित्व अध्यक्ष का होता है.है।
 
== सन्दर्भ ==