"लोकपाल": अवतरणों में अंतर

छो बॉट से अल्पविराम (,) की स्थिति ठीक की।
छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये।
पंक्ति 1:
'''लोकपाल''' उच्च सरकारी पदों पर आसीन व्यक्तियों द्वार किये जा रहे [[भ्रष्टाचार]] की शिकायतें सुनने एवं उस पर कार्यवाही करने के निमित्त पद है।
 
[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] के एक सेमिनार में राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के आचरण तथा कर्तव्य पालन की विश्वसनीयता तथा पारदर्शिता को लेकर दुनिया की विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों में उपलब्ध संस्थाओं की जांच की गई. [[स्टॉकहोम]] में हुए इस सम्मलेन में वर्षों पूर्व आम आदमी की प्रशासन के प्रति विश्वसनीयता तथा प्रशासन के माध्यम से आम आदमी के प्रति सत्तासीन व्यक्तियों की जवाबदेही बनाए रखने के संबंध में विचार-विमर्श हुआ.हुआ। लोक सेवकों के आचरण की जांच और प्रशासन के स्वस्थ मानदंडों को प्रासंगिक बनाए रखने के संदर्भों की पड़ताल भी की गई.
 
इस सेमिनार ने पांच मुख्य संस्थाओं की जांच की जो पूरी दुनिया में जांच एजेंसियों के रूप में उस समय लागू थीं.थीं। इनमें संसदीय जांच समितियां, रूस की प्रोक्यूरेसी, अंग्रेजी विधि व्यवस्था में वर्णित न्यायिक अनुतोष, फ्रांसीसी पद्धति की जांच व्यवस्थाएं तथा स्कैण्डिनेवियन देशों में प्रचलित अंबुड्समान भी शामिल रहे हैं.हैं।
 
इनमें अंबुड्समान नामक संस्था ने प्रशासन के प्रहरी बने रहने में अंतर्राष्ट्रीय सफलता प्राप्त की है.है। स्वीडन को इस बात का श्रेय है.है। वहां वर्ष 1713 में किंग चाल्र्स बारहवें ने अपने एक सभासद को उन अधिकारियों को दंडित करने के लिए नियुक्त किया जो कानून का उल्लंघन करते थे.थे। स्वीडन में नया संविधान बनने पर संविधान सभा के सदस्यों ने जिद की कि उनका ही एक अधिकारी जांच का कार्य करेगा. वह सरकारी अधिकारी नहीं हो सकता. तब 1809 में स्वीडन के संविधान में अंबुड्समान की व्यवस्था हुई जो अदालतों और लोकसेवकों द्वारा कानूनों तथा विनियमों के उल्लंघन के प्रकरण की जांच करेगा.
 
== इतिहास ==