"संचरण (यांत्रिकी)": अवतरणों में अंतर
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मूल चालक के [[गतिपालक चक्र]] (flywheel) पर लगे हुए पट्टे द्वारा, शक्ति को रेखा शैफ्ट (line shaft) में संचारित किया जाता है। रेखा शैफ्ट पर अभिकल्प के अनुसार [[घिरनी|घिरनियाँ]] (pulleys) लगी रहती हैं। उन घिरनियों पर लगे हुए पट्टे द्वारा शक्ति को रेखाशैफ्ट से विभिन्न यंत्रों में संचारित किया जाता है। इस प्रकार की प्रणाली में सबसे बड़ा अवगुण यह है कि किसी भी कारणवश रेखाशैफ्ट का चलना बंद होते ही सभी यंत्र, जिन्हें रेखाशैफ्ट से शक्ति संचरित की जाती है, बेकार हो जाते हैं।
इस प्रकार के शक्तिसंचरण का मात्रात्मक विश्लेषण करने के लिए इंजन के क्रैंक शेफ्ट को संचरण का आरंभ बिंदु एवं यंत्र के प्रथम गतिमान शैफ्ट को संचरण का अंतिम बिंदु मान लिया जाता है। यह अनुमान विशिष्ट यत्र के लिए उपयुक्त है। मान लिया कि इंजन की गति '''N''' परिक्रमण (revolutions) प्रति मिनट है। इस गति पर चलते हुए इंजन क्रैंकशैफ्ट पर लगातार बल आधूर्ण (torque) डालता रहता है। मान लिया कि बल आधूर्ण की मात्रा '''T''' किलोग्राम प्रति मीटर है। इस अवस्था में इंजन की कोणीय (angular) गति '''w''', का मूल्य होगा '''2 x पाई x N / 60'''। यहाँ '''w''' की ईकाई रेडियन प्रति सेकंड है। अत: इंजन क्रैंक शैफ्ट द्वारा किए गए कार्य की दर '''wT''' किलोग्राम प्रति मीटर प्रति सेकंड
== संचरण के विभिन्न अंग ==
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