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'''सम्भल''', भारतीय राज्य [[उत्तर प्रदेश]] के [[मुरादाबाद]] मण्डल में स्थित एक जिला है। सतयुग में इस स्थान का नाम सत्यव्रत था, त्रेता मे महदगिरि, द्वापर में पिंगल और कलयुग में सम्भल है। इसमे ६८ तीर्थ और १९ कूप हैं यहां एक अति विशाल प्राचीन मन्दिर है, इसके अतिरिक्त तीन मुख्य शिवलिंग है, पूर्व में चन्द्रशेखर, उत्तर मे भुबनेश्वर और दक्षिण में सम्भलेश्वर
यहाँ ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कलियुग में कल्कि अवतार शंबल नामक ग्राम में होगा।
लोक मान्यता में सम्भल को ही शंबल माना जाता है।
== इतिहास ==
सम्भल एक पुराना उपनिवेश है जो मुस्लिम शासन के समय भी महत्वपूर्ण था व सिकंदर लोदी की १५वीं सदी के अंत व १६वीं सदी के शुरू में प्रांतीय राजधानियों में से एक
== किस लिये प्रसिद्ध है?==२८/०९/२०११ को ७५वए जिलए का उद्भ्भव हुआ
सरायतरीन, सम्भल का एक उपनगर लम्बे समय से हस्तशिल्प वस्तुओं के लिए जाना जाता
सम्भल मेंथा तेल (मेंथा के पौधे से निकला गया तेल जो कि दवाईओं आदि में रसायन के तौर पर प्रयोग होता है) का सबसे बड़ा बाज़ार
चक्की का पाट (पत्थर का बना पुराने समय में अनाज पीसने में काम आने वाला) सम्भल का एक प्रमुख सांस्कृतिक व ऐतिहासिक आकर्षण है जो जमीं से १५ मी कि ऊंचाई पर टंगा
यह शहर हकीमों (यूनानी चिकित्सक) के लिए जाना जाता
यहाँ कई वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं: हिंद इंटर कॉलेज, सम्भल; फैज़ गर्ल्स इंटर कॉलेज, सरायतरीन; एसबीएसजे इंटर कॉलेज, सम्भल; आर्य समाज इंटर कॉलेज, सम्भल; एएमएचआर (मनोकामना) इंटर कॉलेज, सम्भल; उमेद राय इंटर कॉलेज, हयातनगर, सरायतरीन; बाल विद्या मंदिर, सम्भल; आजाद गर्ल्स इंटर कॉलेज, सम्भल.
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