"आर के लक्ष्मण": अवतरणों में अंतर
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लक्ष्मण पहले-पहले ''स्वराज्य'' और ''ब्लिट्ज'' जैसे पत्रिकाओ के लिए काम करते थे। जब वे मैसूर के '''महाराजा कॉलेज''' में पढ़ रहे थे, तब वे अपने बड़े भाई आर.के. नारायण के कहानियों का वर्णन ''"द हिन्दू"'' पत्रिका में करते थे और स्थानीय पत्रिका ''"स्वतन्त्रता"'' के लिए राजनेतिक कार्टूनो को भी छुड़ाया करते थे। लक्ष्मण कन्नड़ के हास्य पत्रिक '''"कोरावंजी"''' के लिए भी कार्टूनो को छुड़ाया करते थे। संयोग से, कोरावंजी को अलोपथ '''
लक्ष्मण ने १९५४ में एशियन पैंट्स ग्रुप के लिए एक लोकप्रिय शुभकर '''"गट्टू"''' को बनाया। उन्होंने कुछ उपन्यास भी लिखे है। उनके कार्टूनों को ''"मिस्टर एंड मिसेस ५५"'' नामक हिंदी चित्र और ''"कामराज"'' नामक तमिल चित्र में दिखाए गए है। उनके रचनाओ में वह रेखाचित्र भी शामिल है जो ''"मालगुडी डेज"'',जो श्री आर. के. नारायण द्वारा लिखित उपन्यास का टेलीविज़न अनुकूलन के लिए तैयार किये गए थे।
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