"खेल सिद्धांत": अवतरणों में अंतर
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गेम थ्योरी के पारंपरिक अनुप्रयोगों में इन गेमों में साम्यवास्थाएं खोजने का प्रयास किया जाता है। साम्यावस्था में गेम का प्रत्येक खिलाड़ी एक नीति अपनाता है जो वह संभवतः नहीं बदलता है। इस विचार को समझने के लिए [[साम्यावस्था की कई सारी अवधारणाएं]] विकसित की गई हैं (सबसे प्रसिद्ध [[नैश इक्विलिब्रियम]]). साम्यावस्था के इन अवधारणाओं की अभिप्रेरणा अलग-अलग होती है और इस बात पर निर्भर करती है कि वे किस क्षेत्र में प्रयोग की जा रहीं हैं, हालांकि उनके मायने कुछ हद तक एक दूसरे में मिले-जुले होते हैं और मेल खाते हैं। यह पद्धति आलोचना रहित नहीं है और साम्यावस्था की विशेष अवधारणाओं की उपयुक्तता पर, साम्यवास्थाओं की उपयुक्तता पर और आमतौर पर गणितीय मॉडलों की उपयोगिता पर वाद-विवाद जारी रहते हैं।
हालांकि इसके पहले हो इस क्षेत्र में कुछ विकास चुके थे, गेम थ्योरी का क्षेत्र [[जॉन वॉन न्युमन्न]] और [[ऑस्कर मॉर्गनस्टर्न]] की 1944 की पुस्तक ''[[थ्योरी ऑफ गेम्स ऐंड इकोनोमिक बिहेविअर]]'' के साथ आस्तित्व में
== गेमों का निरूपण ==
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[[एंटोनी ऑगस्टिन कॉर्नट]] द्वारा 1838 में ''Recherches sur les principes mathématiques de la théorie des richesses'' (''धन के सिद्धांत के गणितीय सिद्धांतों में अनुसंधान'' ) का प्रकाशन किये जाने तक किसी सामान्य खेल सैद्धांतिक विश्लेषण का अनुसरण नहीं किया जाता था। इस कार्य में कॉर्नट ने एक [[द्वयाधिकार]] पर विचार किया है और एक समाधान प्रस्तुत किया है, जो [[नैश संतुलन]] का एक सीमित संस्करण है।
हालांकि कॉर्नट का विश्लेषण वाल्डेग्रेव के विश्लेषण से अधिक सामान्य है, लेकिन [[जॉन वॉन न्यूमैन]] द्वारा 1928 में शोध-पत्रों की एक श्रृंखला का प्रकाशन किये जाने से पूर्व तक एक अद्वितीय क्षेत्र के रूप में गेम थ्योरी का वस्तुतः कोई अस्तित्व नहीं था। हालांकि फ़्रांसीसी गणितज्ञ [[एमिली बोरेल]] ने खेलों पर कुछ प्रारंभिक कार्य किया, लेकिन वॉन न्यूमैन को गेम थ्योरी का आविष्कारक होने का श्रेय उचित रूप से दिया जा सकता है। वॉन न्यूमैन एक बुद्धिमान गणितज्ञ थे, जिनका कार्य समुच्चय सिद्धांत से लेकर उनकी गणनाओं, जो अणु व हाइड्रोजन बमों दोनों के विकास की कुंजी थीं और अंततः संगणकों के विकास के उनके कार्य तक व्यापक रूप से फ़ैला हुआ था। गेम थ्योरी में वॉन न्यूमैन का कार्य 1944 में वॉन न्यूमैन और [[ऑस्कर मॉर्गेन्स्टेम]] की क़िताब ''[[Theory of Games and Economic Behavior]]'' (खेलों और आर्थिक व्यवहार का सिद्धांत) में अपने चरम पर
1950 में, [[क़ैदी का असमंजस]] प्रकट हुआ और [[RAND कार्पोरेशन]] में इस खेल पर एक प्रयोग किया गया। इसी समय के आस-पास, [[जॉन नैश]] ने खिलाड़ियों की रणनीतियों की परस्पर संगेम थ्योरी ता के लिये एक मापदंड विकसित किया, जिसे [[नैश संतुलन]] के रूप में जाना जाता है और जो वॉन न्यूमैन और मॉर्गेन्स्टेम द्वारा प्रस्तावित मापदंड की तुलना में खेलों की एक व्यापक श्रेणी पर लागू होता है। यह संतुलन पर्याप्त रूप से इतना सामान्य है कि यह सहकारी खेलों के अतिरिक्त [[गैर-सहकारी खेलों]] के विश्लेषण की अनुमति भी देता है।
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