"बुलन्दशहर जिला": अवतरणों में अंतर
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( सन् १९६२ ईस्वी में इलाहाबाद यूनिवर्स्टी की डी. फिल. उपाधि के लिए स्वीकृत शोध प्रबंध )
मैं निसंकोच भाव से यह कह सकता हूँ कि यह हिन्दी में लिखित प्रथम शोध प्रबंध है जिसमें अधुनातन भाषाशास्त्रीय पद्धति के अनुसार सामग्री का विश्लेषण किया गया है। डॉ॰ महावीर सरन जैन ने इस शोध प्रबंध को प्रस्तुत कर जहाँ एक ओर हिन्दी भाषा के गौरव में अभिवृद्धि की है, वहाँ दूसरी ओर उन्होंने एक ऐसा सुन्दर आदर्श प्रस्तुत किया है जिसका हिन्दी की विभिन्न बोलियों के अनुसन्धित्सु ही नहीं, अपितु आर्य परिवार की अन्य भाषाओं के शोधकर्ता भी अनुगमन कर सकते हैं। यह अत्यंत आवश्यक है कि हिन्दी की अन्य बोलियों का अध्ययन भी इस आदर्श पर यथासंभव शीघ्र संपन्न किया जाए."]]
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