"घना पक्षी अभयारण्य": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
इस पक्षीविहार का निर्माण लगभग २५० वर्ष पहले किया गया था, जैसा ऊपर अंकित है, इसका नाम केवलादेव (शिव) मंदिर के नाम पर रखा गया था जो इसी पक्षी विहार के परिसर में स्थित है। प्राकृतिक ढाल होने के कारण, यहाँ वर्षा के दौरान अक्सर बाढ़ का सामना करना पड़ता था। इसलिए भरतपुर के शासक [[महाराजा सूरजमल]] ने अपने शासन काल (१७२६ से १७६३ के दौरान ) यहाँ 'अजान बाँध' का निर्माण करवाया, जो दो नदियों गँभीरी और बाणगंगा के संगम पर बनवाया गया था।
 
संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किये जाने से पहले सन १८५० ईस्वी से रियासत काल में केवलादेव का इलाका [[भरतपुर]] राजाओं की निजी शिकारगाह हुआ करता था, जहाँ वे और उनके शाही मेहमान मुर्गाबियों का शिकार किया करते थे। अंग्रेज़ी शासन के दौरान कई वायसरायों और प्रशासकों ने यहां हजारों की तादाद में बत्तखों और मुर्गाबियों का संहार किया था। ''[[लॉर्ड]] [[लिलिनथगो]] जैसे अंग्रेजों ने १९३८ में एक दिन की 'शूट' में यहां चार हज़ार दो सौ तिहत्तर परिंदों को गोली का निशाना बनाया था, ये शर्मनाक-तथ्य आज भी यहां अंकित पत्थर के एक शिलालेख पर अंकित है !''भारत की स्वतंत्रता के बाद भी १९७२ तक भरतपुर के पूर्व राजा को उनके क्षेत्र में शिकार करने की अनुमति थी, लेकिन १९८२ से उद्यान से घास काटने और हरा चारा लेने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया गया, जो यहाँ के किसानों, स्थानीय गुर्जर समुदाय और सरकार के बीच हिंसक-झडपों का कारण बना क्यों कि अभयारण्य के भीतर और आसपास आज भी कई पुराने गांव आबाद हैं।
 
== भरतपुर पहुँचने के मार्ग ==
भरतपुर, आगरा के एकदम पास, बस ३५ किलोमीटर है, जहाँ के हवाई अड्डे से प्रतिदिन दिल्ली, बनारस, लखनऊ और मुम्बई की उड़ानें हैं। भरतपुर दिल्ली-बंबई मार्ग पर बड़ी लाइन की कई रेलगाड़ियों से जुड़ा है। राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सड़क मार्गों से भरतपुर का संपर्क देश के कई भागों से है। यहां से दिल्ली (१८४ किलोमीटर) जयपुर (१७५) अलवर (११७) मथुरा (३९) के बीच नियमित बस सेवाएँ हैं।
 
=== घना का भूगोल ===
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== घना की वनस्पतियां ==
सवाना घास के अलावा यहां Cynodon dactylon तथा Dichanthium annulatum किस्म की घास की पैदावार और कई तरह की झाडियाँ कुदरती हैं, जो पक्षियों के लिए उपयुक्त आवास हैं। घना में कदम्ब (Neolamarckia cadamba) और देसी बबूल के अनगिनत पेड हैं, जो पक्षियों के घोंसले बनाने के लिए आदर्श हैं। बरसातों में घना बाढ के पानी से भर जाता है और तुरंत बाद सैंकडों तरह की वनस्पतियां पूरे इलाके में सर उठा कर खडी हो जाती हैं।
 
== आधार ==