"जल चक्की": अवतरणों में अंतर
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===1. [[जलधारा के प्रवाह]] तथा [[गुरुत्वाकर्षण ]]से पैदा ऊर्जा से चलने वाला चक्र - ===
ये चक्र जलधारा के प्रवाह में रुकावट डालने पर होलेवाले प्रभाव
=== 2. आवेगचक्र (Impulse Wheels) और टरबाइन ===
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आधुनिक प्रकार के आवेग चक्र पॉन्सले के अध:प्रवाही चक्र के परिष्कृत रूप हैं। इनमें स्लूस मार्ग (sluice way) के स्थान पर तुड़ों का उपयोग किया जाता है, जिनमें से पानी की प्रधार (jet) बड़े बेग से निकलकर चक्र की पंखुड़ियों से टकराती है। इस ढंग के जिस संयंत्र का सर्वाधिक प्रचार है वह[[ पेल्टन चक्र]] (Pelton's Wheel) के नाम से प्रसिद्ध है, में उसकी एक [[डोलची ]](bucket) तथा पानी की धार का आरेख है। डोलची को दो जुड़वाँ प्यालों के रूप में इस प्रकार बना दिया गया है कि पानी की प्रधार उसके मध्य में टकराते ही फटकर, दो भागों में विभक्त होकर, एक दूसरी से लगभग 180 डिग्री के कोणांतर पर चलने लगती है। यदि ये दोनों उपप्रधाराएँ अपनी मूल प्रधारा से बिलकुल विपरीत दिशा में बह निकले तो अवश्य ही पेल्टन चक्र की कार्यक्षमता 100 प्रति शत हो जाय, लेकिन इन्हें जान बूझकर तिरछा करके निकाला जाता है, जिससे ये अपने पासवाली डोलची से टकराएँ नहीं। ऐसा करने से अवश्य ही कुछ ऊर्जा घर्षण में बरबाद हो जाती है, जिससे इस चक्र की कार्य-क्षमता लगभग 80 प्रतिशत ही रह जाती है।
इसमें चिह्नित मार्ग से पानी प्रविष्ट होता है और टोंटी से चक्र पर लगे पंख (blades)
== प्रतिक्रिया टरबाइन == (Reaction Turbine) - आवेगचक्र में तो पानी की गत्यात्मक ऊर्जा ही काम करती है, लेकिन अभिक्रियात्मक चक्र में गयात्मक तथा दाबजनित दोनों ही प्रकार की ऊर्जाएँ सम्मिलित रूप से काम करती हैं।
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