"जैसलमेर में धर्म": अवतरणों में अंतर

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== देवी मंदिर ==
इसी समय के अन्य देवी के मंदिर भादरा राय, काले डूंगर की राय, तेमङ्ै राय व चेलकरी तणूटिया देवी के मंदिर आठवीं सदी से यहाँ जन-जन के आराधन स्थल बने हुए हैं। देवी को शक्ति रुप में इस क्षेत्र में प्राचीन समय से पूजते आये हैं। रावल देवराज (८५३ से ९७४ ई.) के राज्यच्युत होने पर नाथपंथ के एक योगी की सहायता से पुनः राजसत्ता पाने व देरावर नामक स्थान पर अपनी राजधानी स्थापित करने के कारण भाटी वंश तथा राज्य में नाथपंश को राज्याश्रय प्राप्त हुआ तथा जैसलमेर में नाथपंथ की गद्दी की स्थापना हुई, जो कि राजवंश के साथ-साथ राज्य के स्वत्रंत भारत में विलीनीकरण के समय तक मौजूद रहा।
 
== नाथ संप्रदाय ==