"तिलक": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अंगराग परिवर्तन |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी। |
||
पंक्ति 1:
तिलक का अर्थ है भारत में पूजा के बाद माथे पर लगाया जानेवाला निशान।
शास्त्रानुसार यदि द्विज (ब्राह्मण,क्षत्रीय,वैश्य) तिलक नही लगाते तोत उनहे "चाण्डाल" कहते है| तिलक हमेंशा दोनों भौहों के बीच"आग्याचक्र" भ्रुकुटी पर किया जाता है|
इसे चेतना केद्रं भी कहते हैं|
*पर्वताग्रे नदीतीरे रामक्षेत्रे विशेषतः| सिन्धुतिरे च वल्मिके तुलसीमूलमाश्रीताः||
|