"नाटक": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अनावश्यक अल्पविराम (,) हटाया। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी। |
||
पंक्ति 27:
* '''अभिनय'''
:अभिनय भी नाटक का प्रमुख तत्व है। इसकी श्रेष्ठता पात्रों के वाक्चातुर्य और अभिनय कला पर निर्भर है। मुख्य प्रकार से अभिनय ४ प्रकार का होता हॅ।
* १ - आंगिक अभिनय (
* २ - वाचिक अभिनय (
* ३ - आहार्य अभिनय (
* ४ - सात्विक अभिनय (अंतरात्मा से किया गया अभिनय [ रस आदि ]।
|