"ब्रह्माण्ड किरण": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Cosmic ray flux versus particle energy.svg|200px|right|thumb| ब्रह्माण्डीय किरण का उर्जा-स्पेक्ट्रम]]
'''ब्रह्माण्ड किरणें''' (
== खोज ==
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== प्रकार ==
ब्रह्माण्ड किरणे कई तरह की होती है। [[सौर ब्रह्माण्ड किरण]] (
ब्रह्माण्ड किरणे जब पृथ्वी के वायुमंडल से टकराती है तो वो गैसो के अणुऑ और परमाणुऑ को तोड़् देती है। इस प्रकार यह एक नये ब्रह्माण्ड किरण कण (
ब्रह्माण्ड किरणे एक प्रकार का विकिरण है, जो जीवो और मशीनो को नुक्सान पहुँचा सकते है। हम भाग्यशाली है कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल इन विकिरणो से हमारी रक्षा करती है अन्यथा मनुष्य को प्रत्येक वर्ष औसत २.३ millisievert विकिरणो का सामना करना पड़्ता। millisievert विकिरण मापने की एक इकाई है और इसे mSv से प्रदर्शित किया जाता है। चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल के कारण केवल ०.२ mSv विकिरण [[पृथ्वी]] तक पहुँच पाती है जो आने वाली [[विकिरण]] की कुल मात्रा से बहुत कम मात्र १० प्रतिशत होती है। अंतरिक्ष यात्रीयों को अधिक मात्रा में, लगभग ९०० mSv विकिरणो का सामना करना पड़्ता है जब वे पृथ्वी से दूर (
पृथ्वी पर सदा समान मात्रा में ब्रह्माण्ड किरणे नहीं आती है। जब सूर्य अधिक सक्रिय होता है तब पृथ्वी की ओर आने वाली इन ब्रह्माण्ड किरणो की मात्रा कम हो जाती है। सूर्य हर ११ वें साल में अधिक सक्रिय होता है। इस समय अधिक सौर ज्वाला उत्पन्न होती है और उसके वातावरण में कई बवंडर उठते है फलस्वरुप अधिक मात्रा में ब्रह्माण्ड किरणे उत्पन्न होती है। फिर भी पृथ्वी पर पहुँचने वाली विकिरण की मात्रा कम हो जाती है क्योंकि जब सूर्य सक्रिय होता है तो उसका चुंबकीय क्षेत्र या [[हीलीयोस्फेयर]] अधिक सक्रिय हो जाता है जो [[सौरमंडल]] में आने वाली गांगेय तथा परागांगेय विकिरणो को रोक देता है, जिसकी ऊर्जा सौर विकिरणो की अपेक्षा कहीं अधिक होती है। सूर्य के सक्रिय अवस्था में अंतरिक्ष यात्रा करना अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित है।
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