"भगवती चरण वोहरा": अवतरणों में अंतर
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लाहौर नेशनल कालेज में शिक्षा के दौरान भगवती चरण ने रुसी क्रान्तिकारियो से प्रेरणा लेकर छात्रो की एक अध्ययन मण्डली का गठन किया था। राष्ट्र की परतंत्रता और उससे मुक्ति के प्रश्न पर केन्द्रित इस अध्ययन मण्डली में नियमित रूप से शामिल होने वालो में [[भगत सिंह]], [[सुखदेव]] आदि प्रमुख थे। बाद में चलकर इन्ही लोगो ने [[नौजवान भारत सभा]] की स्थापना की। पढाई के दौरान 1921 में ही भगवती चरण [[महात्मा गांधी|गांधी जी]] के आह्वान पर पढाई छोडकर [[असहयोग आन्दोलन]] में कूद पड़े थे।
बाद में आन्दोलन वापस होने पर इन्होने कालेज की पढाई पूरी की। बीए कि परीक्षा पास की साथ ही नौजवान भारत सभा के गठन और कार्य को आगे बढाया। इस सभा के जनरल सेक्रेटी भगत सिंह और प्रोपेगंडा (
भगवती चरण [[लखनऊ]] के [[काकोरी केस]], [[लाहौर षड्यंत्र केस]] और फिर [[लाला लाजपत राय]] को मारने वाले अंग्रेज सार्जेंट - सांडर्स की हत्या में भी आरोपित थे। पर न तो कभी पकड़े गये और न ही क्रांतिकारी कार्यो को करने से अपना पैर पीछे खीचा। इस बात का सबूत यह है कि इतने आरोपों से घिरे होने के बाद भी भगवती चरण ने स्पेशल ट्रेन में बैठे वायसराय को चलती ट्रेन में ही उड़ा देने का भरपूर प्रयास किया। इस काम में यशपाल, इन्द्रपाल, भागाराम उनके सहयोगी थे। महीने भर की तैयारी के बाद नियत तिथि पर गुजरती स्पेशल ट्रेन के नीचे बम - बिस्फोट करने में लोग कामयाब भी हो गये। परन्तु वायसराय बच गया। ट्रेन में खाना बनाने और खाना खाने वाला डिब्बा क्षतिग्रस्त हो गया और उसमे एक आदमी कि मौत हो गयी।
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