"मैरी बर्न्स": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो कोष्टक से पहले खाली स्थान छोड़ा। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी। |
||
पंक्ति 1:
मैरी बर्न्स (1823(?)-1863) एक आइरिश महिला थी। वह जर्मन दार्शनिक [[फ्रेडरिक एंगेल्स]] की जीवनसाथी थीं। सुश्री बर्न्स इंग्लैंड में मैंचेस्टर के सैल्फोर्ड शहर में रहा करती थीं। उनकी और एंगेल्स की पहली मुलाकात संभवत 1843 में उस वक्त हुई थी जब वह विक्टोरिया मिल में काम करने के लिये इंग्लैंड आये हुये थे। बर्न्स एक श्रमिक महिला थीं और उन्होंने एंगेल्स के शोधकार्य में उनकी मदद करने के इरादे से उन्हें सैल्फोर्ड और मैंचेस्टर के सबसे बदहाल इलाकों का दौरा कराया। उन्होंने श्रमिकों के बीच काम करने वाले लोगों से एंगेल्स का परिचय कराया। बर्न्स के सहयोग के बिना एंगेल्स कभी भी '''कंडीशन आफ द वर्किंग क्लास इन इंग्लैंड''' नामक पुस्तक खत्म नहीं कर पाते।<br />
मैरी बर्न्स एंगेल्स के पिता के स्वामित्व वाली '''एमर्न और एंगेल्स''' विक्टोरिया कपडा मिल में काम करती थीं। एंगेल्स जर्मनी के बार्मेन के रहने वाले थे जहां उनके पिता के कपास के कई कारखाने थे। मैरी का जन्म माइकल बर्न्स के घर में हुआ था। उनके पिता मिल में कपडा रंगने का काम करते थे। मैरी की छोटी बहन का नाम लीदिया (1827-1878) था और उनकी एक चचेरी बहन मैरी एलन बर्न्स भी थी। मैरी की मां का 1835 में निधन हो जाने के बाद उनके पिता ने दूसरा विवाह कर लिया और बच्चों ने घर छोड दिया।<br />
मैरी संभवत इस कारखाने में नौ वर्ष की उम्र से काम कर रही थीं लेकिन 1841 के जनगणना रिकार्ड में उन्हें और उनकी बहन को घरेलू नौकर बताया गया है। मैरी और एंगेल्स की मुलाकात 1841 में उस समय हुई जब एंगेल्स पहली बार इंग्लैंड आये थे। इसके बाद दोनों में गहरी मैत्री हो गई जो बर्न्स की 41 वर्ष की उम्र में 07 जनवरी 1863 को निधन हो जाने तक जारी रही। उस समय की परंपराओं में विवाह को एक खास अहमियत हासिल थी लेकिन चूंकि एंगेल्स और बर्न्स विवाह के बंधन को एक बुर्जुवा परंपरा मानते थे इसलिये दोनों ने कभी भी पारंपरिक रूप से विवाह नहीं किया लेकिन जीवनसाथी के तौर पर हमेशा साथ साथ रहे। <br />
|