"मोहनलाल (अभिनेता)": अवतरणों में अंतर

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स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री के लिए [[महात्मा गांधी कॉलेज, तिरुवनंतपुरम]] में दाखिला ले लिया। उन्होंने अभिनय का साथ जारी रखा और कई सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीता. यहाँ वह साथी छात्रों के एक समूह से मिले, जो थिएटर और फीचर फिल्मों के बारे में उत्साहित थे। इन साथियों ने उन्हें उनकी पहली सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से [[प्रियदर्शन]] और [[मनियन्पिल्ला राजू]] जो आगे जाकर लोकप्रिय फिल्म निर्देशक या अभिनेता बने.
 
उनकी सबसे उल्लेखनीय भूमिकाएं रहीं, सनमनसाउल्लवरक समादानम (sanmanassullavarkku Samadhanam) में गोपालकृष्ण पानिकर, टी.पि बालागोपालन एम् ए (T.P.Balagopalan M.A.) में बलागोपालन, नमकअ परकान मुन्तिरी तोप्पुकल (Namukku Parkkan Munthiri Thoppukal) में सोलोमन, नादोदिक्काट्टू (Nadodikkattu) में दसन, तूवानतुम्बिकल (Thoovanathumbikal) में जयकृष्णन, चित्रम (Chithram) में विष्णु, किरीडम (Kireedam) में सेतु माधवन, सदयम (Sadayam) में सथ्यनादन, भारतम (Bharatham) में गोपी, देवासुरम (Devaasuram) में मंगलास्सेरी नीलाकंदन,वानप्रस्तम (Vanaprastham) में कुन्हिकुत्तन और स्पदिकम (Spadikam) में थॉमस चक्कों (आडू थोमा) (Aadu Thoma).
 
== फिल्म कैरियर ==
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यह काल (1986 - 1995) व्यापक रूप से मलयालम सिनेमा का [[स्वर्ण काल]] माना जाता है, जब विशेष रूप से फिल्मों की विस्तृत पटकथाएँ, स्पष्ट अर्थ का वर्णन और ताजा विचारों ने कलात्मक और व्यावसायिक फिल्मों के बीच के अंतर को कम कर दिया.<ref name="goldenphase"> [http://www.malayalamcinema.com/php/showContent.php?linkid=4 मलयालम सिनेमा के इतिहास]</ref> एक युवा प्रतिभा के रूप में कामयाबी की तरफ बढ़ते हुए, मोहनलाल ऐसी भूमिकाएं प्राप्त करने लगे जिसने उन्हें भावनाओं की विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करने के पर्याप्त अवसर दिए और मलयालम सिनेमा के बेहतर निर्देशकों और लेखकों के साथ उनका एक सफल संगठन शुरू हुआ।
 
1986 उनके लिए बेहतरीन सालों से एक था। [[साथ्याँ अन्थिकड़]] की [http://www.imdb.com/title/tt0286190/ ''टी.पि बलागोपालन एम्.ए'' ] (T.P.Balagopalan M.A) ने उन्हें उनका पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का केरल राज्य पुरस्कार दिलवाया. [http://www.imdb.com/title/tt0282889/ ''राजाविंते मकन'' ] (Rajavinte Makan) में अपराध जगत के डॉन (don) की उनकी भूमिका के बाद मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार के रूप में मोहनलाल का उदय हुआ। उसी साल, उन्होंने ''[[थालावात्तोम]]'' में पागलखाने के मरीज़ की भूमिका निभाई, [http://www.imdb.com/title/tt0292220/ ''सनमनसाउल्लवरक समादानम'' ] ( Sanmanassullavarku Samadhanam) में एक पीड़ित मकान मालिक, [[एम्.टी वासुदेवन नायर]] की फिल्म ''पंचगनी'' (Panchagni) में एक पत्रकार, ''[[नमकअ परकान मुन्तिरी तोप्पुकल]]'' (Namukku Parkkan Munthiri Thoppukal) में प्यार पड़े एक खेत के मालिक की, [http://www.imdb.com/title/tt0214704/ ''गाँधी नगर 2nd स्ट्रीट'' ] (Gandhi Nagar 2nd street) में गुरखा बनने पर मजबूर एक बेरोजगार युवक की भूमिकाएं निभाई.
 
लेखक-निर्देशक जोड़ी [[श्रीनिवासन]] और [[सत्यन अंतिकाड़]], जो ज़बरदस्त व्यंगात्मक सामाजिक फिल्मे बनाने में माहिर थे, उनके साथ मोहनलाल ने ''[[नाडोडीकाट्टू]]'' (Nadodikkattu) बनाई, जिसमें उन्होंने एक बेरोजगार युवा की भूमिका निभाई और ''[[वरवेल्पू]]'' (Varavelpu) जिसमें उन्होंने खाड़ी से लौटे एक ऐसे इंसान की भूमिका निभाई जो लालची रिश्ते दारों और उद्योगपतियों के लिए प्रतिकूल वातावरण वाले राज्य में पहुँच जाता है। निर्देशक प्रियदर्शन की संगीतमय हास्य फिल्मे, विशेष रूप से [[चित्रम]] (Chithram) और [[किलुक्कम]] (Kilukkam) में वह भारतीय रोमांटिक हीरो की भूमिका में नज़र आए जिसने किशोर फिल्म प्रमियों में उनकी लोकप्रियता बढ़ा दी .
 
[[चित्र:Devasuram poster1.jpg|right|thumb|200px|मोहनलाल ने आई वि शशि द्वारा निर्देशित, देवासुरम (1993) (Devaasuram) में एक वास्तविक जीवन चरित्र निभाया और यह फिल्म आगे चलकर एक हिट और क्लासिक पंथ बन गई।]]
 
''[[तूवालतुम्बिकल]]'' (Thoovanathumbikal) जिसमें उन्होंने दोहरे प्रेम के बीच फंसे व्यक्ति की भूमिका निभाई, ने भारतीय फिल्मों की उस छवि को तोड़ दिया के एक मुख्य किरदार (व्यक्ति) एक औरत के इनकार के तुरंत बाद दूसरी औरत के साथ प्यार कर सकता है। ''अम्रितागमया'' (Amrithamgamaya) एक ऐसे आदमी की कहानी थी, जो उस लड़के के घर पहुँच जाता है जिसकी अनजाने में काल्लेज की रेगिंग सत्र के दौरान उसने हत्या कर दी थी। [[ताएवरम]] (Thazhvaram) इस अवधि की एक और उल्लेखनीय फिल्म थी।
लेखक [[लोहितादास]] और निदेशक [[सीबी मलयिल]] ने उनकी कुछ सबसे यादगार भूमिकाओं की रचना की. उन्होंने फिल्म ''[[किरीडम]]'' (Kireedam) में सेतु माधवन की भूमिका निभाई जो एक पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखता है, परन्तु फिल्म के अंत तक एक अपराधी बन जाता है, जिसमें उन्हें एक [[विशेष जूरी पुरस्कार]] प्राप्त हुआ। ''[[भारतम]]'' (Bharatham) में वह एक शास्त्रीय गायक जो ईर्ष्या के बोझ और अंततः अपने गायक भाई की मौत से गुज़रता है, का पात्र निभाया जिसने उन्हें अगले वर्ष सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने में मदद की.
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वो यह समय था जब मोहनलाल मलयालम भाषी दुनिया के बाहर पहचाने जाने लगे. उन्होंने अपनी पहली गैर मलयालम फिल्म में अभिनय किया, जब लोकप्रिय फिल्म निर्देशक [[मणिरत्नम]] ने उन्हें [[तमिल फिल्म]] ''[[इरुवर]]'' (Iruvar) के लिए अनुबंधित किया। इसमें मोहनलाल, [[MGR]], के किरदार में नज़र आए जो पड़ोसी राज्य [[तमिलनाडु]] में एक उपासना योग्य व्यक्ति माने जाते हैं। भारत-फ्रेंच, निर्मित ''[[वानाप्रस्तम]]'' (Vaanaprastham), जिसमें उन्होंने अपनी पहचान खोने की संकट में घिरे एक [[कथकली]] नृत्य कलाकार की भूमिका निभाई, जिस ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार दिलवाया और यह पहली फिल्म थी जिसमे उन्हें अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली. यह फिल्म [[कान फिल्म समारोह]] के प्रतिस्पर्धा वर्ग के लिए चुनी गई और उनके प्रदर्शन को समीक्षकों द्वारा प्रशंसा मिली.
 
2002 में, मोहनलाल ने अपनी पहली [[बॉलीवुड]] फिल्म ''[[कंपनी]]'' (company) में अभिनय किया, जिसने उन्हें भारत में व्यापक [[हिन्दी]] भाषी दर्शकों के बीच पहचान दिलाई. यह एक महत्वपूर्ण एवं सफल व्यावसायिक फिल्म थी। उन्होंने इस भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ समर्थक अभिनेता का [[आई आई एफ ए]] (IIFA) पुरस्कार, [[स्टार स्क्रीन पुरस्कार]] जीता.{{Citation needed|date=March 2010}} वर्ष 2006 में फिल्म ''[[तन्मतरा]]'' (Thanmathra)("परमाणु") ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए केरल राज्य पुरस्कार जितवाया, जिसमे उन्होंने अल्जाइमर रोग से प्रभावित एक व्यक्ति को चित्रित किया। उनकी दूसरी बॉलीवुड फिल्म ''[[राम गोपाल वर्मा की आग]]'' (Ram Gopal Varma Ki Aag) थी, जो 1975 की ब्लोकबस्टर फिल्म [[शोले]] की रीमेक थी, जिसमें उन्होंने इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई, जो मूल फिल्म में [[संजीव कुमार]] द्वारा निभाई गई थी। मोहनलाल ने फिल्म परदेसी (Paradesi) में वलियाकाटू मूसा की भूमिका में प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 2007 केरल राज्य पुरस्कार जीता. मोहनलाल परदेसी (Paradesi) में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार एक वोट से हार गए।{{Citation needed|date=January 2010}} 2009 में मोहनलाल ने डॉ॰[[कमल हासन]] के साथ [[तमिल]] फिल्म [[उनियपोल उरूवन]] (Unnaipol Oruvan) में काम किया और इस प्रदर्शन के लिए [[तमिल]] दर्शकों ने उनकी काफी प्रशंसा की. उन्होंने वर्ष 2010 ki शुरुआत रोशन एन्द्रुस द्वारा निर्देशित एक सुपर हिट (सफल) सजीव पारिवारिक मनोरंजक फिल्म "इविडेम स्वरगमाणु" ('Ividam Swargamanu') के साथ की.{{Citation needed|date=January 2010}}
 
== रंगमंच ==