"रानी मुखर्जी": अवतरणों में अंतर

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'''रानी मुखर्जी''' हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इनका जन्म २१ मार्च १९७६ को कोलकता के एक बंगाली परिवार मै हुआ इनके पिता राम मुखर्जी एक निर्देशक रह चुके है और उनकी माँ एक गायक। उनका भाई राजा भी फिल्म निर्देशक है। काजोल उनकी रिश्तेदार है।
 
रानी मुखर्जी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत "राजा की आएगी बारात" से की पर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही| इससे पहले उन्हें अपने पिता की बंगाली फिल्म "बियेर फूल (1992)" में एक छोटा किरदार करने को मिला था। उनके पारिवारिक मित्र सलीम अख्तर ने "आ गले लग जा" (1994) में उन्हें रोले दिया था जिसे रानी के पिता ने ठुकरा दिया था जिसके बाद वह किरदार उर्मिला मातोंडकर को मिला।
 
उनकी पहली सफलता इली फिल्म गुलाम से जिसने उन्हें "खंडाला गर्ल" से चर्चित कर दिया। हालांकि फिल्म कुछ ख़ास सफल नहीं रही पर "आती क्या खंडाला" गाने ने उन्हें दर्शकों का चाहिता बना दिया। उनकी पहली बड़ी सफल फिल्म रही शाहरुख़ खान के साथ "कुछ कुछ होता है"। हालांकि उनका किरदार इस फिल्म में सिमित था पर फिल्म की सफलता से वे निर्देशकों की नज़रों में आ गयी। इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में काम मिला पर वे ज्यादा सफल नहीं रही।
 
उनकी अगली फिल्में "बादल","चोरी चोरी चुपके चुपके" और "मुझसे दोस्ती करोगे! " कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पायी| पर साथ ही उन्हें यशराज बन्नेर के टेल फिल्म करने का मौका जरुर मिला। उनकी अगली सफल फिल्म रही विवेक ओबेरोई के साथ "साथिया"(2002 ) किसके लिय उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला।
 
उन्हें अपनी अगल सफलता के लिय लंबा इंतज़ार करना पड़ा जो उन्हें मिली मणि रत्नम की फिल्म "युवा" से| उन्हें अपने किरदार के लिय दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला| उनकी अगली फिल्में "हम तुम", वीर-ज़ारा ", "बंटी और बबली " और "ब्लैक" बड़ी सफल रही और उन्हें बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में जगह दी| 2004 -2006 का दौर उनके लिय सुनहरा दौर रहा। फिल्म "ब्लैक" से उन्होंने अपने अभिनय का एक शक्तिशाली परिमाण दिया जहाँ उन्हें एक अंधी -बहरी लड़की का किरदार करने को मिला।