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सबसे पुराना राष्ट्रगान ग्रेट ब्रिटेन का 'गॉड सेव दि क्वीन' है, जिसे 1825 में राष्ट्रगान के रूप में वर्णित किया गया था, हालांकि 18 वीं सदी के मध्य से ही यह देश प्रेम के गीत के रूप में लोकप्रिय रहा तथा राजसी समारोहों में गाया जाता था। 19 वीं तथा 20 वीं सदी के आरंभ में अधिकांश यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन का अनुसरण किया, कुछ राष्ट्रगान खास उद्देश्य से लिखे गए, जबकि अन्य को पहले से मौजूद धूनोन से अपनाया गया।
== प्रारंभिक रचनाएँ==
कुछ ही राष्ट्रगान विख्यात कवियों या रचयिताओं द्वारा लिखे गए हैं। प्रथम ऑस्ट्रियाई राष्ट्रगान गॉड एरहाल्ते फ़्रेंज़ डेन कैसर (ईश्वर सम्राट फ़्रांसीसी की रक्षा करे) इसका विशिष्ट अपवाद है। इसकी रचना 1797 में जोज़ेफ़ हेडन ने की थी तथा बाद में (1929) पाठ को बदलकर सेई गेसनेट ओन एन्डे (हमेशा सौभाग्यशाली रहें) गाया गया। हेडन की धुन का जर्मन राष्ट्रगान ड्युश्लैंड, ड्युश्लैंड ऊबर ऐले [[जर्मनी]], में भी उपयोग किया गया था। जिसे 1922 में अंगीकार किया गया था। इसके तीसरे छंद ईनिकी अंड रेश अंड फ्रीही (एकता, अधिकार और स्वतंत्रता) से आरंभ करके इसका नाम बदलकर ड्यूश्लैंडलेड के नाम से [[जर्मनी]] के राष्ट्रगान के रूप में उपयोग जारी है। 1922 के पूर्व जर्मनी का राष्ट्रगान हील डिर इम सीगक्रांज़ (विजय की माला धारण करने वालों का अभिवाद) था। यह गॉड सेव द क्वीन की धुन पर गाया जाता था।
== भारत का राष्ट्रगान ==
[[भारत]] का राष्ट्रगान 'जन गण मन' है, जो मूलतः [[बांग्ला भाषा]] में [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर|गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] द्वारा लिखा गया था, जिसे [[भारत सरकार]] द्वारा 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रूप में अंगीकृत किया गया। इसके गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड निर्धारित है। [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर|गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] विश्व के एकमात्र व्यक्ति हैं, जिनकी रचना को एक से अधिक देशों में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है। उनकी एक दूसरी कविता 'आमार सोनार बाँग्ला' को आज भी [[बांग्लादेश]] में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है।