"सीमेंट": अवतरणों में अंतर

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सीमेंट बनाने कि लिये [[चूना पत्थर]] और [[मृत्तिका]] (क्ले) के मिश्रण को एक भट्ठी में उच्च तापमान पर जलाया जाता है और तत्पश्चात इस प्रक्रिया के फल:स्वरूप बने [[खंगर]] (क्लिंकर) को [[जिप्सम]] के साथ मिलाकर महीन पीसा जाता है और इस प्रकार जो अंतिम उत्पाद प्राप्त होता है उसे '''साधारण पोर्टलैंड सीमेंट''' (सा.पो.सी.) कहा जाता है।
 
भारत में, सा.पो.सी. का निर्माण मूलत: तीन ग्रेड (श्रेणी) मे होता है.है। [[ग्रेड-33]], [[ग्रेड-43]] और [[ग्रेड-53]], यह संख्यायें 28 दिनों के बाद प्राप्त इसकी [[सम्पीड़ित सामर्थ्य]] (कॉम्प्रेसिव स्ट्रेंग्थ) को इंगित करती हैं, जब एक निर्धारित प्रक्रियानुसार इसका परीक्षण किया गया हो।
 
सा.पो.सी. के अलावा, कई अन्य प्रकार के सीमेंट का भी उत्पादन होता है और उनमें से अधिकांश विशेष प्रयोजनों के लिए होते हैं, उदाहरण के लिए सल्फेट प्रतिरोधी सीमेंट, [[सफेद सीमेंट]], [[तेल-कूप]] सीमेंट, आदि। इन सबके साथ कुछ सामान्य प्रयोजन सीमेंट भी होते हैं और इनमे सबसे आम प्रकार है पोज़ोलाना पोर्टलैंड सीमेंट (पो.पो.सी.)।