"रैखिक समीकरण निकाय": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: अंगराग परिवर्तन।
छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी।
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</math>
 
रैखिक समीकरण निकाय को हल करने एवं अन्य कार्यों के लिए उपरोक्त समीकरणों में आये हुए गुणाकों <math>a_{ij}</math> को एक [[आव्यूह]] (मैट्रिक्स) <math>A,</math> के रूप में रखना बहुत सुविधाजनक रहता है। इस मैट्रिक्स को गुणांकाव्यूह (cofficient matrix) कहते हैं। इसी प्रकार अज्ञात राशियों को एक वेक्टर मैट्रिक्स ( '''x''' ) के रूप में लिया जाता है तथा समीकरण में आये सभी चर-विहीन पदों को भी वेक्टर मैट्रिक्स '''b''' के रूप में लिया जाता है।
 
लेकिन समीकरणों का हल आदि निकालते समय सभी समीकरणों को अज्ञात राशियों सहित लिखने की आवश्यकता नहीं होती। वास्तव में सारी गणितीय संक्रियाएँ '''A''' और '''b''' पर ही की जातीं है। अतः इन दोनों को एकसाथ मिलाकर '''प्रवर्धित गुणांक आव्यूह''' (augmented cofficient matrix) लिखना और उसके साथ काम करना अधिक उपयुक्त रहता है। प्रवर्धित गुणाण्क आव्यूह नीचे लिखा है: