"हंस (संपादक प्रेमचंद)": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: अंगराग परिवर्तन।
छो बॉट: डॉट (.) को पूर्णविराम और लाघव चिह्न (॰) में बदला।
पंक्ति 1:
'''हंस''' का प्रकाशन सन् [[1930]] ई० में [[बनारस]] से प्रारम्भ हुआ था। इसके सम्पादक [[मुंशी प्रेमचन्द]] थे। प्रेमचन्द के सम्पादकत्व में यह पत्रिका हिन्दी की प्रगति में अत्यन्त सहायक सिद्ध हुई। सन् [[1933]] में प्रेमचन्द ने इसका काशी विशेषांक बड़े परिश्रम से निकाला। वे सन् [[1930]] से लेकर [[1936]] तक इसके सम्पादक रहे। उसके बाद [[जैनेन्द्र]] और प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी ने संयुक्त रूप से इसका सम्पादन प्रारम्भ किया। हंस के विशेषांकों में ''प्रेमचन्द स्मृति अंक'', ''एकांकी नाटक अंक'' [[1938]], ''रेखाचित्र अंक'', ''कहानी अंक'', ''प्रगति अंक'' तथा ''शान्ति अंक'' विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे। जैनेन्द्र और शिवरानी देवी के बाद इसके सम्पादक शिवदान सिंह चौहान और श्रीपत राय उसके बाद [[अमृत राय]] और तत्पश्चात् नरोत्तम नागर रहे। बहुत दिनों बाद सन् [[1959]] में हंस का एक वृहत् संकलन सामने आया जिसमें [[बालकृष्ण राव]] और अमृत राय के संयुक्त सम्पादन में आधुनिक साहित्य एवं उससे सम्बन्धित नवीन मूल्यों पर विचार किया गया था।<ref>{{cite book |last=बाहरी |first=डा०डॉ॰ हरदेव |title= साहित्य कोश, भाग-2,|year=1986|publisher=[[ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी]]|location=वाराणसी|id= |page=663 |accessdate= 30 अक्तूबर 2013}}</ref>
 
== सन्दर्भ ==