"शरीर का निर्जलीकरण": अवतरणों में अंतर
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[[शरीर]] से अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ समाप्त हो जाना '''जल्ह्रास''' या '''निर्जलीकरण''' ([[अंग्रेज़ी]]:''डी-हाइड्रेशन'') कहलाता है। मानव शरीर को कार्य करने के लिए निर्धारित मात्रा में कम से कम ८ गिलास के बराबर (एक लीटर या सवा लीटर) तरल पदार्थ शरीर के लिए आवश्यक होता है जो व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता और आयु पर निर्भर करता है। परंतु अधिक कार्यशील व्यक्ति को इससे दो या तीन गुना अधिक तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है। साधारण मानव जो तरल पदार्थ लेते हैं, वह उस तरल पदार्थ का स्थान ले लेती है जो शारीरिक कार्य को करने के लिए आवश्यक होता है। यदि कोई शरीर की आवश्यकता से कम तरल पदार्थ लेते हैं, तब निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन) हो जाता है।
== कारण ==
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== लक्षण ==
निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन) का विश्वसनीय लक्षण कुछ ही दिनों में वजन का तेजी से कम होना है (कुछ मामलों में कुछ घंटो में)। 10 प्रतिशत से अधिक वजन तेजी से कम होना गंभीर लक्षण माना जाता है। इन लक्षणों को वास्तविक बीमारी से अलग करके देखना काफी मुश्किल काम है। सामान्यतः निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन) के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। अधिक प्यास लगना, मुंह सूखना, कमजोरी व चक्कर आना (विशेषकर जब व्यक्ति खड़ा होता है) मूत्र का गाढ़ा होना या कम पेशाब आना। अत्यधिक निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन) शरीर का रसायन ही बदल देता है। इसमें गुर्दे खराब हो जाते हैं और ये जीवन के लिए घातक हो सकते हैं।
== परिणाम ==
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