"सिन्धु-गंगा का मैदान": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
 
इस क्षेत्र को [[पाकिस्तान]] में केन्द्रित [[सिंधु घाटी सभ्यता|सिन्धु घाटी सभ्यता]] के लिए जाना जाता है जो प्राचीन दक्षिण एशियाई संस्कृति के जन्म के लिए उत्तरदायी थी। समतल और उपजाऊ क्षेत्र में विभिन्न साम्राज्यों का उदय एवं विस्तार हुआ जिनमे गुप्त साम्राज्य, कन्नौज, [[मगध महाजनपद|मगध]], [[मौर्य राजवंश|मौर्य साम्राज्य]], [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल साम्राज्य]] और दिल्ली सल्तनत शामिल है - इन सभी साम्राज्यों के जनसांख्यिकीय और [[राजनीति|राजनीतिक]] केंद्र सिन्धु-गंगा के मैदानों में स्थित थे। भारतीय इतिहास के [[वैदिक सभ्यता|वैदिक]] और महाकाव्य युग के दौरान, इस क्षेत्र को "आर्यावर्त" ([[आर्य|आर्यों]] की भूमि) कहा जाता था जो पश्चिम में सिन्धु नदी तक तथा दक्षिण में विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं तक फैला हुआ था। इस्लामी काल के दौरान, तुर्की [[पठान|अफगान]] और [[ईरान|इरान]] के शासकों ने इस क्षेत्र को "हिन्दुस्तान" (''हिन्दुओं की भूमि'' ) का नाम दिया, जो सिन्धु नदी के [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] शब्द के लिए प्रयुक्त हुआ है। बाद में इस शब्द का प्रयोग पूरे [[भारत]] का उल्लेख करने के लिए किया गया, किन्तु आधुनिक युग में भी, इस क्षेत्र में बोली जाने वाली [[हिन्दी|हिंदी]]-[[उर्दू भाषा|उर्दू]] की प्राकृत भाषा को [[हिन्दुस्तानी भाषा|हिन्दुस्तानी]] कहा जाता है, यह एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग स्थानीय संगीत व संस्कृति के लिए भी किया जाता है।<ref name="CIA World Factbook - India">{{cite web|url = https://www.cia.gov/library/publications/the-world-factbook/geos/in.html| title = India|publisher = CIA – The World Factbook|accessdate = 2007-12-14}}</ref><ref name="Indian Melody - Hindustani Classical Music">{{cite web|url = http://www.indianmelody.com/hindustani.htm| title = Hindustani Classical Music|publisher = Indian Melody |accessdate = 2007-12-14}}</ref>
 
ब्रिटिश और स्वतंत्र भारत, दोनों के जनसांख्यिकीय और राजनीतिक केंद्र (पहले कलकत्ता में और फिर [[दिल्ली]] में) यहीं स्थित थे।