"अंक विद्या": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
आधुनिक अंक विद्या में कई बार प्राचीन संस्कृति और शिक्षकों की विविधताओं के पहलुओं का उल्लेख है जिसमें [[बाबिल|बेबीलोन]]या, [[पाइथागोरस]] और उनके अनुयायी (ग्रीस, 6 वीं शताब्दी ई.पू.), हेलेनिस्टिक [[एलेक्सेन्ड्रिया]] ([[:en:Alexandria|Alexandria]]), प्रारंभिक [[ईसाई रहस्यवाद]] ([[:en:Christian mysticism|Christian mysticism]]), प्रारंभिक [[गूढ़ ज्ञानवाद]] ([[:en:Gnosticism|Gnostics]]) का रहस्य, [[कबालाह]] ([[:en:Kabbalah|Kabbalah]]) की [[यहूदी]] ([[:en:Hebrews|Hebrew]]) परम्परा, भारतीय [[वेद]], चीन का [[मृत लोगों का घेरा]] ([[:en:Circle of the Dead|Circle of the Dead]]) और [[मिस्र|इजिप्ट]] की [[रहस्यमय घर के मालिक की पुस्तक]] ([[:en:Book of the Master of the Secret House|Book of the Master of the Secret House]]) (मृतक के संस्कार) शामिल हैं।
 
[[पाइथागोरस]] और उस समय के अन्य दार्शनिकों का यह मानना था कि भौतिक अवधारणाओं की तुलना में गणितीय अवधारणाओं में अधिक व्यवहारिकता (नियमित और वर्गीकरण में आसान) थी, इसलिए उनमें अधिक वास्तविकता थी।
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अंग्रेजी साहित्य में अंक विद्या के प्रभाव का एक उदाहरण है, १६५८ में सर [[थॉमस ब्राउन]] ([[:en:Thomas Browne|Thomas Browne]]) का डिस्कोर्स [[साइरस का उद्यान|दी गार्डन ऑफ़ सायरस]] ([[:en:The Garden of Cyrus|The Garden of Cyrus]]). इसमें लेखक ने कला, प्रकृति और [[रहस्यवाद]] ([[:en:mysticism|mysticism]]) में हर तरफ़ पाँच अंक और सम्बंधित [[क्विन्क्न्क्स]] ([[:en:Quincunx|Quincunx]]) शैली का वर्णन किया है।
 
आधुनिक अंक विद्या में अनेक पूर्व वृत्तान्त है। रुथ एड्रायर की पुस्तक, ''अंक विद्या, अंकों की शक्ति '' (स्क्वायर वन प्रकाशक) का कहना है कि इस सदी के बदलने तक (१८०० से १९०० ई. के लिए) श्रीमती एल डॉव बेलिएट ने पाइथागोरस ' के कार्य को बाइबिल के संदर्भ के साथ सयुंक्त कर दिया था। फिर १९७० के मध्य तक, बेलिएट के एक विद्यार्थी, डॉ॰ जूनो जॉर्डन ने उस अंक विद्या को और परिवर्तित किया और वह प्रणाली विकसित करने में सहयोग दिया जो आज "प्य्थागोरियन" के नाम से जानी जाती है।
 
== विधियां ==
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अंक वैज्ञानिक बहुत बार एक संख्या या शब्द को एक प्रक्रिया द्वारा कम कर देते हैं, जिसे [[अंक योग|अंकों को जोड़ना]] ([[:en:digit sum|digit sum]]) कहा जाता है, फिर प्राप्त एकल अंक के आधार पर निष्कर्ष तक पहुँचते हैं।
 
अंकों को जोड़ने में, जैसे कि नाम से स्पष्ट है, एक संख्या के सभी अंकों का योग किया जाता है और जब तक एकल अंक का जवाब नहीं मिल जाता तब तक इस प्रक्रिया को दोहराया जाता है। एक शब्द के लिए, वर्णमाला में प्रत्येक अक्षर के स्थान से सम्बद्ध मान को लिया जाता है (जैसे, एक =१, बी=२, से लेकर जेड़ = २६) को जोर जाता है।
 
उदाहरण :
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गणना की विभिन्न विधियां उपलब्ध है, जिनमे शाल्डियन, पैथोगोरियन, हेब्रैक [[हेलीन हिचकॉक]] ([[:en:Helyn Hitchcock|Helyn Hitchcock]]) की विधि, ध्वन्यात्मक, जापानी और भारतीय शामिल है। रुथ एब्राम्स ड्रायर की पुस्तक के अनुसार, '''अंक विद्या, अंकों की शक्ति''', यदि आप एक ऐसे देश में जन्मे हो जहाँ की मात्र भाषा अंग्रेजी नहीं थी, तो आप अपनी स्वयं की शब्दमाला लें और उसे उन्ही निर्देशों के अनुसार अक्षर क्रम में जमा लें जिस प्रकार अंग्रेजी शब्दमाला के अनुसार बताया गया है।
 
ऊपर दिए गए उदाहरणों में [[दशमलव]] ([[:en:decimal|decimal]]) (आधार १०) अंकगणित का प्रयोग कर गणना की गयी है। अन्य [[मूलांक|संख्या प्रणाली]] ([[:en:Radix|number systems]]) भी हैं, जैसे द्विआधारी, अष्टाधारी, षोडश आधारी और [[वीगेसीमल]] ([[:en:vigesimal|vigesimal]]); इनके आधार पर संख्याओं को जोड़ने पर अलग-अलग परिणाम प्राप्त होते हैं। ऊपर दर्शित पहला उदाहरण, इस प्रकार दिखेगा जब अष्टाधारी (आधार ८) के अनुसार गणना की गई है :
 
* 3.४८९<sub>१०</sub> = ६६४१<sub>८</sub> → ६ + ६ + ४ + १ = २१<sub>८</sub> → २ + १ = ३<sub>८</sub> = 3<sub>10</sub>
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# [[wikt:六|六]] सरल और आरामदेय, सब प्रकार से.
# [[wikt:七|七]] — केंतोनिज में एक गंवारू बोली / अशिष्ट शब्द.
# [[wikt:八|八]]&nbsp;&mdash; आकस्मिक भाग्य, समृद्धि.
# [[wikt:九|九]]&nbsp;&mdash; लंबे समय वाली, केंतोनिज में एक गंवारू बोली / अशिष्ट शब्द.
 
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बाईबल का एक जाना-पहचाना उदाहरण है, ६६६, [[पशु की संख्या]] ([[:en:Number of the Beast|Number of the Beast]]).<ref>[http://www.britannica.com/eb/article-248155/number-symbolism अंक प्रतीकवाद :: एरिथ्मोमंसी - ब्रिटेनिका ऑनलाइन विश्वकोश]</ref>
 
[[बाइबिल]] की अंक विद्या के अध्ययन के प्रमुख आंकड़ों में शामिल है, [[ई.डब्ल्यूबुल्लिन्जेर|ई. डब्ल्यू ''पवित्र लेख में संख्या'',<ref>[http://philologos.org/__eb-nis/default.htm ई.डब्ल्यू. पवित्र लेख में संख्या Philologos.org] पर बुल्लिन्जेर</ref> के लेखक, बुल्लिन्जेर]] ([[:en:E. W. Bullinger|E. W. Bullinger]]), जो डॉ॰ मीलो महान की पुस्तक ''पाल्मोनी'';<ref>करे, जुएनीटा एस.''[http://books.google.com/books?id=2tAAOvvCgTwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=dr+milo+mahan+palmoni&source=web&ots=bYqZa7FCyM&sig=LGtyHy7IomULb3WtiQzWlK-yWEI ईडब्ल्यूबुल्लिन्जेर: एक जीवनी]'', २०००, पी.१०३ .आईएसबीएन ०८२५४२३७२४</ref> से प्रभावित थे और [[इवान पानीन]] ([[:en:Ivan Panin|Ivan Panin]]) जिनके द्वारा अंक प्रणाली बनाई गयी, जिसके बारे में उनका दावा था की उन्हें यह बाइबिल में मिली थी। पानीन की प्रणालियाँ कभी-कभी बाईबिल की अंक विद्या कहलाती है।
 
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=== ग्रंथ सूची ===
* [[एनिमरी किमेल|किमेल ए]] ([[:en:Annemarie Schimmel|Schimmel, A.]]) (१९९६). ''अंकों का रहस्य''.आईएसबीएन ०-१९-५०६३०३-१&nbsp;&mdash; शब्दार्थों का एक शैक्षणिक संग्रह और ऐतिहासिक संस्कृतियों में संख्याओं के संगठन।
* [[आदित्य पांडे|पांडे, ए]] ([[:en:Aaadietya Pandey|Pandey, A.]])(२००६) . ''न्यूमरोलोजी: दी नम्बर गेम''
* [[अंडरवुड डुडले|डुडले, यू]] ([[:en:Underwood Dudley|Dudley, U.]])(१९९७). ''न्यूमरोलोजी: आर, वाट पायथागोरस राट''.मेथेमेटिकल असोसिएशन ऑफ़ अमेरिका. — इतिहास के माध्यम से क्षेत्र का एक संदिग्ध सर्वेक्षण
* [[अन्द्रास एम.नागी|नागी, ए.एम.]] ([[:en:Andras M. Nagy|Nagy, A. M.]])(२००७).''दी सेक्रेट ऑफ़ पाइथागोरस'' (डीवीडी) .[[अमेज़न मानक पहचान संख्या|एएसआईएन]] ([[:en:Amazon Standard Identification Number|ASIN]])[http://amazon.com/o/ASIN/B000VPTFT6 बी०००वीपीटीएफटी६]
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