"अजंता गुफाएँ": अवतरणों में अंतर

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इस गुफा में, अत्यंत विस्तृत नक्काशी कार्य किया गया है, जिसमें कई अति उभरे हुए शिल्प भी हैं। यहां बुद्ध के जीवन से संबंधित कई घटनाएं अंकित हैं, साथ ही अनेक अलंकरण नमूने भी हैं। इसका द्वि स्तंभी द्वार-मण्डप, जो [[उन्नीसवीं शताब्दी]] तक दृश्य था (तब के चित्रानुसार), वह अब लुप्त हो चुका है। इस गुफा के आगे एक खुला स्थान था, जिसके दोनों ओर खम्भेदार गलियारे थे। इसका स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा था। इसके द्वार मण्डप के दोनों ओर कोठियां हैं। इसके अन्त में खम्भेदार प्रकोष्ठों की अनुपस्थिति, बताती है, कि यह मण्डप अजंता के अन्तिम चरण के साथ नहीं बना था, जब कि खम्भेदार प्रकोष्ठ एक नियमित अंग बन चुके थे। पोर्च का अधिकांश क्षेत्र कभी मुराल से भरा रहा होगा, जिसके कई अवशेष अभी भी शेष हैं। यहां तीन द्वार पथ हैं, एक केन्द्रीय, व दो किनारे के। इन द्वारपथों के बीच दो वर्गाकार खिड़कियां तराशी हुईं हैं, जिनसे अंतस उज्ज्वलित होता था।
 
हॉल की प्रत्येक दीवार लगभग 40 फीट लम्बी और 20 फीट ऊंची है। बारह स्तंभ अंदर एक वर्गाकार कॉलोनेड बनाते हैं, जो छत को सहारा देते हैं, साथ ही दीवारों के साथ साथ एक गलियारा सा बनाते हैं। पीछे की दीवार पर एक गर्भगृह नुमा छवि तराशि गयी है, जिसमें बुद्ध अपनी धर्मचक्रप्रवर्तन मुद्रा में बैठे दर्शित हैं। पीछे, बायीं एवं दांयी दीवार में चार चार कमरे बने हैं। यह दीवारें चित्रकारी से भरीं हैं, जो कि संरक्षण की उत्तम अवस्था में हैं। दर्शित दृश्य अधिकतर उपदेशों, धार्मिक, एवं अलंकरण के हैं। इनके विषय [[जातक]] कथाओं, गौतम बुद्ध के जीवन, आदि से सम्बंधित हैं।
 
== गुफा संख्या 2 ==