"अष्टश्रवा": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये।
छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया।
 
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{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2014}}
 
ब्रहमाजी का एक उपनाम है, इसका मतलब होता है, आठ कान वाला. चार मुख वाले ब्रहमाजी के दो दो कान हर मुख पर होने से कुल आठ कान माने जाते है। हर समय आठों दिशाओं का बोध उनको होता रहता है, लेकिन "तन्त्र-शास्त्र" के अनुसार सरस्वती के साथ होने पर दो दिशाओं के प्रति उनका भान और बढ़ जाता है, जिस से आकाश ऊर्ध्व और नीचे अध नाम की दो दिशाओं सहित दस दिशाओं का बोध होता है।
 
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म|अष्टश्रवा]]