"अहिल्या": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: लेख में लगी स्रोतहीन चिप्पी को दिनांकित किया।
छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया।
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2014}}
 
[[रामायण]] की एक पात्र, प्रातः स्मरणीय [[पंचकन्या]] में से एक। ये [[गौतम ऋषि]] की पत्नी थी। इंद्र द्वारा [[छल]] पूर्वक किए गए [[शीलहरण]] की सज़ा अहिल्या को भी भुगतनी पड़ी। ऋषि ने उसे शिला बन जाने का [[शाप]] दे दिया। इससे मुक्ति का उपाय [[राम]] का चरण स्पर्श था। [[त्रेता युग]] में [[अवतार]] लेकर जब राम ऋषि [[विश्वामित्र]] के साथ [[जनकपुरी]] पहुँचे तो वहाँ उन्होंने गौतम ऋषि का आश्रम भी देखा। वहीं राम के चरण स्पर्श से अहिल्या शाप मुक्त होकर पुनः मानवी बन गई।
== अहिल्या की कथा ==
राम और [[लक्ष्मण]] ऋषि [[विश्वामित्र]] के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले तो उन्होंने एक उपवन में एक निर्जन स्थान देखा। राम बोले, "भगवन्! यह स्थान देखने में तो आश्रम जैसा दिखाई देता है किन्तु क्या कारण है कि यहाँ कोई ऋषि या मुनि दिखाई नहीं देते?"