"इज़राइल": अवतरणों में अंतर

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== स्वतंत्रता और शुरुआती समय ==
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने स्वयं को एक विकत परिस्तिथि में पाया जहाँ उनका विवाद यहूदी समुदाय के साथ दो तरह की मानसिकता में बाँट चूका था ! जहाँ एक तरफ हगना, इरगुन और लोही नाम के संगठन ब्रिटिश के खिलाफ हिंसात्मक विद्रोह कर रहे थे वहीँ हजारो यहूदी शरणार्थी इजराइल में शरण मांग रहे थे ! तभी सन १९४७ में ब्रिटिश साम्राज्य ने ऐसा उपाय निकलने की घोषणा की जिस से अरब और यहूदी दोनों संप्रदाय के लोग सहमत हो ! संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा फिलिस्तीन के विभाजन को (संयुक्त राष्ट्र संघ के १८१ घोषणा पत्र) नवम्बर २९,१९४७ मान्यता दे दी गयी, जिसके अंतर्गत राज्य का विभाजन दो राज्यों में होना था एक अरब और एक यहूदी ! जबकि जेरुसलेम को संयुक्त राष्ट्र द्वारा राज्य करने की बात कहीं गयी इस व्यवस्था में जेरुसलेम को " सर्पुर इस्पेक्ट्रुम "(curpus spectrum) कहा गया !
इस व्यवस्था को यहूदियों द्वारा तुरंत मान्यता दे दी गयी वहीँ अरब समुदाय ने नवेम्बर १ १९४७ तीन देनो के बंद की घोषणा की ! इसी के साथ गृह युद्ध की स्तिथि बन गए और करीब २५०,००० फिलिस्तीनी लोगो ने राज्य छोड़ दिया !
१४ मई १९४८ को यहूदी समुदाय ने ब्रिटिश से पहले स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और इजराइल को राष्ट्र घोषित कर दिया, तभी सिरिया, लीबिया तथा इराक ने इजराइल पर हमला कर दिया और तभी से १९४८ के अरब - इजराइल युद्ध की शुरुआत हुयी ! सउदी अरब ने भी तब अपनी सेना भेजकर और मिस्त्र की सहायता से आक्रमण किया और यमन भी युद्ध में शामिल हुआ, लगभग एक वर्ष के बाद युद्ध विराम की घोषणा हुयी और जोर्डन तथा इस्राइल के बीच सीमा रेखा अवतरित हुयी जैसे green line (हरी रेखा) कहा गया और मिस्त्र ने गज़ा पट्टी पर अधिकार किया, करीब ७००००० फिलिस्तीन इस युद्ध के दौरान विस्थापित हुए !
इजराइल ने ११ मई, १९४९ में सयुक्त राष्ट्र की मान्यता हासिल की !
 
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अरब समुदाय तथा मिस्त्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नसीर ने इजराइल को मान्यता नहीं दी और १९६६ में इजराइल - अरब युद्ध हुआ ! १९६७ में मिस्त्र ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी दल को सनाई पनिसुलेना (१९५७) को बहार निकल दिया और लाल सागर में इजराइल की आवागमन बंद कर दी ! जून ५,१९६७ को इजराइल ने मिस्त्र, जोर्डन सीरिया तथा इराक के खिलाफ युद्ध घोषित किया और महज ६ दिनों में अपने अरब दुश्मनों को पराजित कर क्षेत्र में अपनी सैनिक प्रभुसत्ता कायम की ! इस युद्ध के दौरान इजराइल को अपने हे राज्य में उपस्तिथ फलिस्तीनी लोगो का विरोध झेलना पड़ा इसमें प्रमुख था फिलिस्तीन लिबरेशन ओर्गानिज़शन (पी .एल .ओ) जो १९६४ में बनया गया था ! १९६० के अंत से १९७० तक इजराइल पर कई हमले हुए जिसमे १९७२ में इजराइल के प्रतिभागियों पर मुनिच ओलंपिक में हुआ हमला शामिल है !
 
ओक्टुबर ६, १९७३ को सिरिया तथा मिस्त्र द्वारा इजराइल पर अचानक हमला किया गया जब इजराइली योम नमक त्यौहार मन रहे थे, जिसके जवाब में सिरिया तथा मिस्त्र को बहुत भरी नुक्सान उठाना पड़ा !
 
१९७६ के दौरान इजराइल के सैनिको ने बड़ी बहादुरी से ९५ बन्धको को छुड़ाया!
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== संविधान एवं शासन ==
इज़रायल एक प्रभुसत्तासंपन्न गणराज्य है जिसकी स्थापना 14 मई 1948 ई. के घोषणा के आधार पर हुई है।1949है। 1949 ई. में इज़रायली संसद् (सेनेट) ने संक्रमण कानून पारित किया जो समान्य शब्दावली के माध्यम से संसद्, राष्ट्रपति तथा मंत्रिमंडल के अधिकारों की व्याख्या करता है। 1950 ई. में संसद ने समय-समय पर मूल नियमों को अधिनियमित करने का प्रस्ताव पारित किया। ये ही अधिनियमित मूल नियम समग्र रूप में इज़रायल के संविधान के नियामक हैं। संसद्, इज़रायली राष्ट्र तथा राष्ट्रपति से संबद्ध इन मूल नियमों को क्रमश: 1958, 1960, तथा 1964 ई. में पारित किया गया।
 
इज़रायली संसद् को सर्वोच्च अधिकार प्राप्त हैं और 120 सदस्योंवाली इस एकसदनी संसद् का चुनाव सार्वदेशिक मताधिकार के आधार पर [[अनुपाती-प्रतिनिधित्व-पद्धति]] से प्रति चार वर्ष के लिए कराया जाता है। राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष होता है और संसद् पाँच वर्ष के लिए इसका चुनाव करती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गठित मंत्रिमंडल संसद् के प्रति उत्तरदायी होता है। मंत्री सामान्यत: संसद् सदस्यों में से ही बनाए जाता हैं लेकिन इनकी नियुक्ति सदस्येतर व्यक्तियों में से भी की जा सती है। पूरा देश छह मंडलों में विभक्त है। संसदीय निर्वाचन के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों का चुनाव भी संपन्न होता है जिनका कार्यकाल चार वर्ष तक रहता है। 27 नगरपालिकाएँ (दो अरबों की), 117 स्थानीय परिषदें (45 अरबों तथा सीरियाई देशों की) तथा 47 क्षेत्रीय परिषदें (एक अरबों की) 674 गाँवों का प्रतिनिधित्व करती हैं।