"इस्पात": अवतरणों में अंतर
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'''मैंगनीज''' - इस्पात का ठोसपन बढ़ाने के लिए तथा बची हुई गंधक से मिलकर, सल्फाइड के कारण, भुरभुरापन रोकने के लिए 0.5 से 1.0 प्रतिशत तक मैंगनीज मिलाया जाता है।
1.0 प्रतिशत से 1.8 प्रतिशत तक, मैंगनीज़ इस्पात की तनावपुष्टता तथा कठोरता में वृद्धि करता है। 13 प्रतिशत मैंगनीज-इस्पात का एक अलग ही वर्ग है। ऐसा इस्पात ठोंकने पीटने से कड़ा हो जाता है, अर्थात् सुघट्य तनाव (प्लैस्टिक स्ट्रेन) पड़ने पर स्वयं कड़ा हो जाता है। किसी साधारण उष्मा उपचार द्वारा इसका कठोरीकरण नहीं होता। यह अधिकतर [[ढलाई]] के लिए प्रयुक्त होता है। झाम (ड्रेजर) के ओष्ठ, चट्टान तोड़नेवाली मशीनों के जबड़े, रेल की पटरियों की संघि (क्रासओवर) तथा अन्य विशेष मार्ग संबंधी कार्यो में, जहाँ घिसाई की विशेष आशंका रहती है, इसका उपयोग होता है।
'''मालिब्डीनम''' - इस्पात में मालिब्डीनम शक्ति, कठोर हो सकने की क्षमता तथा धीरे-धीरे स्वत: परिवर्तन के प्रति अवरोध बढ़ाता है। उच्च तापक्रम पर कार्य करने के लिए इस्पात की कठोरता सुरक्षित रखने में भी मालिब्डीनम सहायक है। इसलिए कुछ उच्च वेग इस्पातों में टंग्स्टन के एक अंश के बदले इसी का उपयोग होता है। उदाहरण के लिए 5.5 प्रतिशत मालिब्डीनम और 6 प्रतिशत टंग्स्टन का एक उच्चवेग इस्पात है, जो प्रामाणिक 18 प्रतिशत टंग्स्टन की तुलना में उपयोगी और सस्ता होता है।
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