"ऋजुपक्ष कीटवर्ग": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Patanga japonica.jpg|300px|right|thumb|पतंग जापोनिका]]
 
'''ऋजुपक्ष कीटवर्ग''' या आर्थोप्टेरा (Orthoptera ; आर्थो = सीधा, प्टेरा = पंख) अपेक्षाकृत एक कम विकसित कोटि है जिसके अंतर्गत [[टिड्डी|टिड्डियों]], [[टिड्डा|टिड्डों]], [[झींगुर|झींगुरों]], [[झिल्ली|झिल्लियों]], रीवों आदि की गणना की जाती है। पहले इस कोटि में तेलचट्टे, पर्णकीट, मैंटिस आदि भी रखे गए थे, किंतु अब वे दूसरी कोटि के अंतर्गत कर दिए गए हैं। तो भी ऋजुपक्ष कोटि में १०,००० से अधिक कीटपतंगों का वर्णन किया जाता है।
 
ये कीट सामान्य से बहुधा काफी बड़ी नाप के होते हैं तथा इनकी भिन्न-भिन्न जातियों में कुछ पंखदार, कुछ पंखहीन और कुछ छोटे पंखवाली जातियाँ होती हैं। ये सभी जंतु स्थल पर रहनेवाले होते हैं। कई जातियों में ध्वनि उत्पन्न करने के अंग होते हैं और कुछ तो बड़ी तेज ध्वनि करते हैं। अगले पंख पिछले पंखों की अपेक्षा मोटे होते हैं। शिशुओं के पंखों की गद्दियाँ विकासकाल में उलट जाती हैं। मादा में सामान्यत: अंडरोपक अंग होते हैं। नर के जननांग नवें अधरपट्ट के नीचे छिपे रहते हैं। रूपांतरण साधारणत: थोड़ा ही या अपूर्ण होता है।