"कम्प्यूटर प्रोग्राम": अवतरणों में अंतर
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== '''क्रमानुदेशन के विभिन्न चरण''' ==
किसी भी प्रोग्राम की क्रमानुदेशन करने के लिये सर्वप्रथम प्रोग्राम के समस्त निर्दिष्टीकरण को भली-भॉंति समझ लिया जाता
== '''प्रोग्राम के लक्षण''' ==
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# '''विश्वसनीयता'''-प्रोग्राम की विश्वसनीयता से तात्पर्य है कि प्रयोगकर्ता इस पर कार्य करते समय यदि कोइ त्रुटि करता है तो उसे इस गलती से संबंधित स्पष्ट त्रुटि संदेश प्राप्त होना चाहिये ताकि वह उस त्रुटि को ठीक करके अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें।
# '''सक्षमता'''-प्रोग्राम विभिन्न स्त्रोतो से प्राप्त डाटा के प्रबन्धन मे सक्षम होना चाहिये।
# '''प्रयोग करने मे सुगम '''-प्रोग्राम मे दिये गये निर्देश इस प्रकार व्यवस्थित होने चाहिये कि प्रयोगकर्ता को इस पर कार्य करने मे समस्याओ का सामना न करना
# '''पठनीयता'''-प्रोग्राम की पठनीयता से तात्पर्य है कि प्रयोगकर्ता को प्रोग्राम पर कार्य करते समय विभिन्न परिवर्तनांको के लिये स्पष्ट सूचनायें प्राप्त हो;अर्थात यदि प्रोग्राम मे किसी स्थान पर name इनपुट करना है तो प्रोग्राम, ए उसका परिवर्तनांक name अथबा इससे मिलता- जुलता होना चाहिये ताकि प्रयोगकर्ता यह समझ सके कि उसे यहां पर name इनपुट करना है।
== '''संगणक [[क्रमानुदेशन]] किस प्रकार की जाती है?''' ==
संगणक के कार्य करने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है। संगणक की अपनी स्मृति तो होती है लेकिन बुद्धि नही
कल्पना किजीये कि किसी व्यक्ति को दो कप चाय बनाने का कार्य दिया गया। अब हमे संगणक को चाय बनाने से सम्बंधित सभी निर्देश निश्चित क्रम मे देने होंगे। यदि निर्देश मौखिक रूप से देने हो तो ये निम्नानुसार होंगे:-<br />
१.रसौई घर मे जाईये।<br />
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१.किसी कार्य विशेष के लिये प्रोग्राम कई प्रकार से तैयार किया जा सकता है।<br />
२.प्रोग्राम तैयार करने हेतु विभिन्न निर्देश के लिये विशेष शब्दो का प्रयोग किया जाता है। ये विशेष शब्द कमांड कहलाते है।<br />
३.प्रोग्राम मे निर्देश उसी क्रम मे लिखे जाते है, जिस क्रम से वह कार्य सम्पन्न होता है।<br />
४.प्रोग्राम संगणक की समझ आने वाली भाषाओ अर्थात programming language अथवा उन [[तन्त्रांश|तन्त्रांशों]], जिनमे कि क्रमानुदेशन करने की सुविधा है, मे लिखा जाता है।
== संगणक अपनी भाषा किस प्रकार समझता है ==
संगणक केवल मशीनी भाषा समझता
जब हम संगणक को कोइ भी निर्देश किसी इनपुट के माध्यम से देते है तो संगणक स्वतः इन निर्देशो को ASCII Code मे परिवर्तित कर सकता
example-TYPE
मशीनी भाषा मे -T(01000101) Y(10010101) P(00000101)E(01010100)
== संगणक को निर्देश किस प्रकार देते है ==
संगणक को निर्देश प्रोग्राम तरीके से, अत्यन्त स्पष्ट भाषा मे एवं विस्तार से देना अत्यन्त आवश्यक होता है। संगणक को कार्य विशेष करने के लिये एक प्रोग्राम बनाकर देना होता है। दिया गया प्रोग्राम जितना स्पष्ट, विस्तृत और सटीक होगा, संगणक उतने ही सुचारू रूप से कार्य करेगा, उतनी ही कम गलतिया करेगा और उतने ही सही उत्तर देगा। यदि प्रोग्राम अस्पष्ट होगा और उसमे समुचित विवरण एवं स्पष्ट निर्देश नही होंगे तो यह संभव है कि संगणक बिना परिणाम निकाले ही गणना करता रहे अथवा उससे प्राप्त परिणाम अस्पष्ट और निरर्थक
संगणक मे अपनी कोइ बुध्दि नही होती। यह एक मस्तिष्क रहित एवं अत्यन्त आज्ञाकारी मशीन
संगणक पर प्रोग्राम बनाते समय निम्न बातो को ध्यान मे रखना आवध्यक है:-<br />
१.समस्या का सावधानीपूर्वक अध्ययन करके निर्देशो को निश्चित क्रम मे क्रमबध्द करना।<br />
२.निर्देश इस प्रकार लिखना कि उनका अक्षरशः पालन करने पर समस्या का हल निकल सके।<br />
३.प्रत्येक निर्देश एक निश्चित कार्य करने के लिये हो।<br />
प्रोग्राम मे दिये जाने वाले निर्देशो को एक प्रवाह तालिका के रूप मे प्रस्तुत करना उचित होता
प्रोग्राम मे निर्देशो को संगणक की समझ मे आने वाली भाषा मे लिखना आवश्यक होता है; ताकि संगणक प्रदत्त निर्देशो को समझ सके और उनके अनुसार कार्य करके वांछित परिणाम प्रस्तुत कर सके। एक बार प्रोग्राम को संगणक भाषा मे लिखने के बाद इसे संगणक की स्मृति मे अर्थात फ्लॉपी, चुम्बकीय फीते, छिद्रित कार्ड आदि निवेश युक्तियो पर अंकित कर दिया जाता है। साथ ही यह समस्या को हल करने के लिये आवश्यक डाटा भी संगणक की इनपुट यूनिट को प्रदान किया जाता
== शब्दावली ==
[[प्रोग्राम अनुवादक]]<br />
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