"स्वच्छन्दतावाद": अवतरणों में अंतर

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=== अमेरिकी लेखकों पर यूरोपीय स्वच्छंदतावाद का प्रभाव ===
यूरोपीय रोमानी आंदोलन उन्नीसवीं शताब्दी कि शुरुआत में अमेरिका पहुँच गया था। अमेरिकी स्वच्छंदतावाद भी उतना ही बहुआयामी और व्यक्तिवादी था जितना यूरोपीय स्वछंदतावाद{{Citation needed|date=January जनवरी 2009}}.
 
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...रोमानियत में बहुधा कुछ निश्चित सामान्य लक्षण उभयनिष्ठ होते थे: नैतिक व्यग्रता, सहज बोध और व्यक्तिवादिता के मूल्यों पर आस्था और यह पूर्वधारणा कि स्वाभाविक जगत अच्छी का स्त्रोत है और मानव समाज बुराई का{{Citation needed|date=January जनवरी 2009}}.
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एक नैतिक दर्शनशास्त्र के रूप में, श्रेष्ठातावाद न तो व्यवस्थित है और न ही तार्किक. इसने तर्क से अधिक महत्व भावनाओं को दिया और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को कानूनी और रूदिगत अवरोधों से ऊपर रखा. इसने उन लोगों को आकर्षित किया जो अपने धर्मनिष्ठ पुरखों के कठोर ईश्वर से घृणा करते थे और उन्हें भी आकर्षित किया नव इंग्लैंड अद्वैतवाद के निष्प्रभ ईश्वर से घृणा करते थे।....[]...वे सांस्कृतिक कायाकल्प के लिए और अमेरिकी समाज के भौतिकवाद के विरोध के लिये चर्चा करते थे। वे "परमात्मा" की श्रेष्ठ में विशवास रखते थे और मानते थे कि वह अच्छाई के लिए एक सर्वव्यापक शक्ति है जिसने सभी को जन्म दिया है और संसार की सभी वस्तुएं उसका ही एक भाग हैं{{Citation needed|date=January जनवरी 2009}}.</blockquote>
 
अमेरिकी स्वछंदता ने व्यक्तियों का स्वागत किया और नव प्रचीन्वाद व् धार्मिक परम्पराओं के बंधन का विरोध किया। अमेरिका में रोमानी आन्दोलन ने एक नयी साहित्यिक विधा का रचना कर दी जो आधुनिक लेखकों को भी प्रभावित कर रही है।
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उपन्यास, लघु कथाओं और कविताओं ने उपदेशों और घोषणापत्रों का स्थान ले लिया जोकि अमेरिका के प्रारंभिक साहित्यिक सिद्धांतों से जुड़े थे।
 
रोमानी साहित्य निजी व् गंभीर था और ऐसी भावनाओं को व्यक्त करता था जिन्हें कभी नव प्राचीनवाद में नहीं देखा गया था। स्वतंत्रता के साथ अमेरिका का पूर्वाधिकार स्वछन्दतावादी लेखेकों के लिए प्रेरणा का एक महान स्त्रोत बन गया क्यूंकि वह विवाद और हंसी का पात्र बने बिना मुक्त अभिव्यक्ति और भावनाओं के प्रदर्शन से प्रसन्न थे। वह अपने चरित्रों के मनोवैज्ञानिक विकास पर अधिक प्रयास करते थे। नायक और नायिकाएं चरम उत्साह और संवेदनशीलता का प्रदर्शन करते थे{{Citation needed|date=January जनवरी 2009}}.
 
=== रोमानी लेखन पर युद्ध का प्रभाव ===
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फ़्रांसिसी स्कूल<ref>वाल्टर फ्राइडलेंडर, ''डेविड टू डेलाक्रोइक्स से'', 1974, इस विषय पर उपलब्ध सबसे अच्छा वर्णन जो शेष रह गया.</ref> की नयी पीढ़ी के नेतृत्व में, यूरोपीय चित्रों में स्वछंदतावादी संवेदनशीलता और नव प्राचीनवाद के मध्य विषमता दिखाई पड़ती थी, क्यूंकि नव प्राचीनवादियों की शिक्षा प्रशिक्षण शाला में हो रही थी। रंग और डिजाइन, अभिव्यक्ति और रंगों के स्वभाव से सम्बंधित पुनर्जीवित संघर्ष में, जैसा कि जे.एम.डब्लू. टर्नर, [[फ्रांसिस्को डि गोया|फ्रांसिस्को गोया]], थियोडोर जेरिकाल्ट और यूजीन डेलाक्रोइक्स के काम में था, ब्रश के स्पर्श में नयी विशिष्टता पर जोर दिया और कलाकारों की मुक्त हस्त चित्रकारी पर भी रंग थोप दिया, जिसे एक सहज परिष्कृति के लिए नव प्राचीनवाद में दबाया जाता था।
[[चित्र:Othellopainting.jpg|thumb|upright|left|थिओडोर कैसेराऊ, ओथेलो एंड डेसडेमोना इन वेनिस, 1850 में, ऑयल ओन वुड, 25 x 20 सेमी, लोवर, पेरिस में, (शेक्सपियर से प्रेरित) कैसेराऊ का प्रतीकवादियों पर प्रभाव था।]]
जिस प्रकार इंग्लैंड में जे.एम.डब्लू. टर्नर और सैमुएल पाल्मर, जर्मनी में [[डेविड फ्रीडरिख|कैस्पर डेविड फ्रेडरिक]], नार्वे में जे.सी. दह्ल और हंस गुडे, स्पेन में [[फ्रांसिस्को डि गोया|फ्रांसिस्को गोया]] और फ़्रांस में थियोडोर जेरिकाल्ट, यूजीन डेलाक्रोइक्स, थियोडोर कैसेराऊ और अन्य के साथ होता था; अमेरिकी दृश्य कला में भी स्वछंदतावाद का एक प्रतिरूप था, जो विशेषकर हडसन रिवर स्कूल के चित्रों में प्राप्त अमेरिकी मनोरम दृश्य के निर्बाध उन्नयन में था। थॉमस कोल, एल्बर्ट बियरस्टेड और फ्रेडरिक एडविन चर्च और अन्य प्रायः अपने चित्रों में रोमानी शैली की अभिव्यक्ति करते थे। वह कभी कभी प्राचीन विश्व के अवशेषों का भी चित्रण करते थे, जैसे कि फ्रेडरिक एडविन की चर्च कृति ''सनराइज़ इन सीरिया'' में. इन कृतियों में मृत्यु और पतन की गॉथिक भावना परिलक्षित होती थी। वह इस रोमानी आदर्श का भी प्रदर्शन करते थे कि प्रकृति सर्वशक्तिमान है और अंततः मनुष्य की सभी अस्थायी रचनाओं पर विजय पा लेगी. कई बार वह स्वयं को यूरोपीय प्रतिरूपों से भिन्न सिद्ध करने के लिए अनोखे अमेरिकी दृश्य व् प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण करते थे। कला जगत में अमेरिकी पहचान का यह विचार डब्लू.सी.,ब्राइएन्ट की कविता, ''टू कोल, द पेंटर, डिपार्टिंग फॉर यूरोप'' में दिखाई पड़ता है, जहाँ ब्राइएन्ट कोल को उन सुन्दर दृश्यों को याद करने के लिए प्रेरित करता है जो सिर्फ अमेरिका में ही पाए जाते हैं। यह कविता रोमानी काल के साहित्यिक और दृश्य कला के कलाकारों के मध्य सशक्त सम्ब्वंध को भी दिखाती है{{Citation needed|date=February फ़रवरी 2010}}.
 
कुछ अमेरिकी चित्र आदर्श अमेरिकावासियों के स्वाभाविक संसार में प्रेम पूर्वक रहने का चित्रण करके साहित्यिक विचार "कुलीन असभ्य" का समर्थन करते हैं (जैसे अलबर्ट बियरस्टेड का द रॉकी माँउंटेंस).